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आधार के कितने प्रकार होते हैं? जानिए कौन सा फॉर्मेट किस काम में आता है

क्या आप जानते हैं कि आधार कार्ड सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई फॉर्मेट्स में आता है? PVC से लेकर e-Aadhaar तक हर फॉर्मेट का होता है,अलग उपयोग। अगर गलत फॉर्मेट का इस्तेमाल किया तो सरकारी काम अटक सकता है! जानिए कौन सा आधार कार्ड किस स्थिति में सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। पढ़िए पूरी जानकारी यहां।

By PMS News
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आज के समय में आधार कार्ड (Aadhaar Card) एक बेहद अहम और अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। यह केवल एक व्यक्ति की पहचान (Identity Proof) के तौर पर ही जरूरी नहीं है, बल्कि इसका उपयोग बैंक खाता खोलने, पासपोर्ट बनवाने, मोबाइल सिम लेने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने जैसे कई अहम कार्यों में भी किया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आधार कार्ड के भी कई अलग-अलग फॉर्मेट होते हैं और हर फॉर्मेट का एक विशेष उद्देश्य होता है।

आधार के कितने प्रकार होते हैं? जानिए कौन सा फॉर्मेट किस काम में आता है
आधार के कितने प्रकार होते हैं? जानिए कौन सा फॉर्मेट किस काम में आता है

आधार (Aadhaar) की इस बहुपरतीय प्रणाली ने इसे एक डिजिटल पहचान का सशक्त माध्यम बना दिया है। आज हम आपको बताएंगे कि आधार के कितने प्रकार होते हैं और कौन-सा फॉर्मेट किस उपयोग के लिए उपयुक्त होता है। यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी हो सकती है, खासकर तब, जब आप आधार का उपयोग किसी विशेष सरकारी या निजी सेवा के लिए करने जा रहे हों।

आधार लेटर सबसे सामान्य और मान्यता प्राप्त फॉर्मेट

आधार कार्ड का सबसे पहला और मूल रूप वह होता है जो UIDAI द्वारा पोस्ट के माध्यम से आपके पते पर भेजा जाता है। इसे आधार लेटर कहा जाता है। यह एक पेपर पर प्रिंट किया हुआ फॉर्मेट होता है जिसमें QR कोड, नाम, जन्मतिथि, पता, फोटो और आधार नंबर शामिल होता है।

यह आधार का सबसे अधिक मान्यता प्राप्त फॉर्मेट है जिसे सभी सरकारी और निजी संस्थानों में स्वीकार किया जाता है। अगर आपने नया आधार बनवाया है या उसमें किसी भी प्रकार का अपडेट किया है, तो यह लेटर UIDAI की ओर से सीधे आपके पते पर भेजा जाता है।

ई-आधार डिजिटल दौर का आधार

ई-आधार एक डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध आधार कार्ड है, जिसे UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है। यह PDF फॉर्मेट में होता है और इसे पासवर्ड से सुरक्षित किया जाता है। ई-आधार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कहीं से भी कभी भी डाउनलोड किया जा सकता है और इसका उपयोग किसी भी प्रकार के डिजिटल वेरिफिकेशन में वैध होता है। इसका QR कोड ऑथेंटिकेशन के लिए बेहद उपयोगी होता है। ई-आधार उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिन्हें तत्काल आधार की जरूरत होती है या जिनका फिजिकल कार्ड अभी तक नहीं पहुंचा होता।

एम-आधार–मोबाइल में आधार की सुविधा

एम-आधार ऐप UIDAI द्वारा आधिकारिक रूप से जारी किया गया मोबाइल एप्लिकेशन है, जिसमें आप अपना डिजिटल आधार कार्ड रख सकते हैं। इसमें एक से अधिक आधार प्रोफाइल जोड़े जा सकते हैं, जिससे पूरे परिवार के आधार कार्ड को एक ही मोबाइल डिवाइस में रखा जा सकता है। इसके अलावा यह ऐप आधार से जुड़ी कई सेवाएं जैसे अपडेट स्टेटस, QR कोड स्कैनिंग और OTP जनरेशन की सुविधा भी देता है। एम-आधार आज के स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक स्मार्ट समाधान है, जहां हर समय आधार कार्ड आपके हाथ में उपलब्ध रहता है।

पीवीसी आधार कार्ड एटीएम कार्ड जैसा मजबूत

UIDAI द्वारा जारी किया जाने वाला पीवीसी आधार कार्ड आजकल लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। यह दिखने में एक एटीएम या डेबिट कार्ड जैसा होता है और इसका साइज भी पोर्टेबल होता है। इसमें सुरक्षा के लिए होलोग्राम, गिलोच पैटर्न, घोस्ट इमेज, माइक्रोटेक्स्ट और इंबेडेड QR कोड जैसी सुविधाएं होती हैं। पीवीसी आधार कार्ड न केवल मजबूत होता है, बल्कि इसे आसानी से पर्स या वॉलेट में रखा जा सकता है। इसे UIDAI की वेबसाइट पर ₹50 का शुल्क देकर ऑर्डर किया जा सकता है।

मास्क्ड आधार गोपनीयता के लिए सुरक्षित विकल्प

जब किसी अनजान संस्था या निजी सेवा को अपना आधार देना होता है और आप चाहते हैं कि आपका पूरा आधार नंबर साझा न हो, तब मास्क्ड आधार सबसे उपयुक्त विकल्प होता है। मास्क्ड आधार में आपके आधार नंबर के पहले आठ अंक “XXXX-XXXX” से छिपा दिए जाते हैं, और केवल अंतिम चार अंक दिखाई देते हैं। यह ई-आधार की तरह ही डाउनलोड किया जा सकता है और इसमें बाकी सभी जानकारियां वैसी ही रहती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यूज़र की गोपनीयता को सुरक्षित रखना है।

किस फॉर्मेट का कहां करें इस्तेमाल

अगर बात करें कि कौन-सा आधार फॉर्मेट किस जगह पर अधिक उपयुक्त होता है, तो सामान्य पहचान के लिए आधार लेटर और पीवीसी आधार को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं, डिजिटल कामों, जैसे ऑनलाइन आवेदन, डिजिटल साइनिंग, या OTP वेरिफिकेशन के लिए ई-आधार और एम-आधार काफी मददगार होते हैं। मास्क्ड आधार का इस्तेमाल तब किया जाता है जब आप किसी अनजान सेवा प्रदाता के साथ अपनी जानकारी साझा करते हैं और गोपनीयता बनाए रखना चाहते हैं।

आधार की तकनीकी प्रगति और बदलती भूमिका

आधार अब सिर्फ एक आईडी प्रूफ नहीं रहा, यह डिजिटल इंडिया के विजन का अहम हिस्सा बन चुका है। विभिन्न फॉर्मेट्स में आधार की उपलब्धता ने न केवल इसे अधिक लचीला और यूज़र-फ्रेंडली बनाया है, बल्कि सुरक्षा और उपयोगिता दोनों के लिहाज से इसे एक विश्वसनीय दस्तावेज के रूप में स्थापित किया है।

सरकार की कोशिश है कि आने वाले समय में आधार को और अधिक उन्नत किया जाए ताकि इसे फाइनेंस, हेल्थ, एजुकेशन, रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सहजता से उपयोग किया जा सके।

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