भारतीय रेलवे, जिसे देश की “लाइफलाइन” कहा जाता है, देश भर के लाखों लोगों को जोड़ने और उनके जीवन को आसान बनाने का माध्यम है। रेल सेवा का कम किराया इसे वायुमार्ग और सड़क मार्ग के मुकाबले अधिक किफायती बनाता है। हालांकि, हाल ही में रेलवे पर संसद की स्थायी समिति ने पैसेंजर सेगमेंट में बढ़ते घाटे को कम करने के लिए किराए की समीक्षा की सिफारिश की है। खासतौर पर, समिति ने एयरकंडीशंड क्लास (एसी) के किराए में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है।
एसी क्लास किराए में वृद्धि की सिफारिश
पार्लियामेंट्री पैनल ने कहा है कि रेलवे को एसी क्लास के किराए में वृद्धि करनी चाहिए। लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जनरल क्लास के यात्रियों के लिए यात्रा किफायती बनी रहे। रिपोर्ट में बताया गया है कि माल ढुलाई से होने वाली आय के मुकाबले पैसेंजर सेगमेंट से होने वाली आय में बड़ी असमानता है। माल ढुलाई से 2024-25 में 1.8 लाख करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है, जबकि पैसेंजर रेवेन्यू सिर्फ 80,000 करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
टिकट पर छूट और राजस्व में असंतुलन
रेलवे द्वारा हर टिकट पर 46% छूट प्रदान की जाती है, जिससे यात्री सेगमेंट में हर साल लगभग 56,993 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। समिति ने रेलवे को सलाह दी है कि वह किराए का विस्तृत मूल्यांकन करे ताकि यह घाटा कम हो सके। हालांकि, समिति ने यह भी कहा कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों को मिलने वाली रियायतों को बनाए रखना जरूरी है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें देना अब संभव नहीं है।
खानपान सेवाओं में सुधार की जरूरत
रेलवे की खानपान सेवाओं में खामियों को भी समिति ने उजागर किया। इसे लेकर सुझाव दिया गया है कि यात्रियों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाए और वित्तीय अक्षमताओं को समाप्त किया जाए। इस सिफारिश का उद्देश्य खानपान सेवाओं को बेहतर बनाना और रेलवे के वित्तीय प्रदर्शन को मजबूत करना है।
निजीकरण और बुनियादी ढांचे में सुधार
भारतीय रेलवे के निजीकरण को लेकर चर्चाओं के बीच संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि रेलवे को अपने बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर विचार करना चाहिए। हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा, बल्कि यह कदम रेलवे के आधुनिकीकरण और इसके वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारने के लिए है। पैनल ने कहा कि रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की आवश्यकता है।