शहरों में चलने वाले ऑटो और हाईवे पर यात्रियों को ले जाने वाले बस समेत अन्य बड़े वाहनों की परमिट जांच का अधिकार ट्रैफिक पुलिस और अन्य अधिकारियों को मिलने के बाद अब नियमों का पालन और सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ उन यात्रियों को होगा जो नियमित रूप से इन वाहनों का इस्तेमाल करते हैं।
यह कदम वाहनों की संख्या को नियंत्रण में रखने और अवैध गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। खासतौर पर पटना जैसे शहरों में, जहां एक लाख से अधिक ऑटो बिना परमिट के चल रहे हैं, यह नियमों का पालन सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
गाड़ी निकालने से पहले कागजात कर लें दुरुस्त
नए प्रावधान के तहत ट्रैफिक पुलिस को भी अब वाहनों के दस्तावेजों की जांच का अधिकार दिया गया है। यह निर्देश वाहन चालकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे सड़क पर गाड़ी निकालने से पहले सभी कागजात जैसे वाहन का परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा और फिटनेस प्रमाणपत्र पूरी तरह दुरुस्त रखें।
दस्तावेजों की जांच में कोई भी खामी पाए जाने पर अधिकारियों को उचित कार्रवाई का अधिकार होगा। यह प्रक्रिया न केवल यातायात को व्यवस्थित करेगी, बल्कि अवैध वाहनों के संचालन पर भी लगाम लगाएगी।
बिना परमिट चलने वाले वाहन बने समस्या
पटना में बिना परमिट चलने वाले ऑटो की समस्या काफी गंभीर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एक लाख से अधिक ऑटो बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ये वाहन न केवल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि अन्य वाहनों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं।
परमिट जांच का यह अधिकार अब अधिकारियों को ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मौका देगा। इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा, क्योंकि इससे सड़क पर चलने वाले वाहनों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
हाईवे पर भी होगा प्रभाव
परमिट की जांच का यह अधिकार हाईवे पर चलने वाले बस और अन्य बड़े वाहनों के लिए भी लागू होगा। कई बार देखा गया है कि बस और अन्य वाहन बिना उचित परमिट के लंबी दूरी की यात्राएं करते हैं, जिससे न केवल नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि यात्री भी असुरक्षित महसूस करते हैं।
नए प्रावधान के तहत हाईवे पर चलने वाले सभी बड़े वाहनों की जांच नियमित रूप से की जाएगी। इसमें कागजातों के साथ-साथ वाहन की फिटनेस और उसकी क्षमता का भी निरीक्षण होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार
हाल ही में बिहार सरकार ने 700 बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एंबुलेंस और 57 शव वाहनों की शुरुआत की है। यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। इन वाहनों के कागजात और संचालन की जांच के लिए भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
जनता पर असर
परमिट जांच का अधिकार मिलने के बाद यात्री वाहनों के संचालन में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है। यह व्यवस्था सड़क पर चलने वाले वाहनों को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगी। हालांकि, इसके साथ ही वाहन चालकों को भी अपने दस्तावेज समय पर रिन्यू कराने और नियमों का पालन करने के लिए सतर्क रहना होगा।