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दुनिया की टॉप 10 खुफिया एजेंसियां! RAW और ISI की पोजिशन देखकर चौंक जाएंगे आप

ग्रीन हाइड्रोजन से पहले क्या ब्लू हाइड्रोजन भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर पाएगा? जानिए कैसे यह ट्रांजिशनल फ्यूल बन सकता है देश की डिकर्बोनाइजेशन रणनीति का अहम हिस्सा लेकिन किन जोखिमों और विरोधाभासों के साथ।

By PMS News
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दुनिया की टॉप 10 खुफिया एजेंसियां! RAW और ISI की पोजिशन देखकर चौंक जाएंगे आप
दुनिया की टॉप 10 खुफिया एजेंसियां! RAW और ISI की पोजिशन देखकर चौंक जाएंगे आप

दुनिया की सुरक्षा और जासूसी की दुनिया में खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) सबसे अहम भूमिका निभाती हैं। ये एजेंसियां न केवल अपने देश की सीमाओं के अंदर बल्कि विदेशों में भी मिशन को अंजाम देती हैं। हाल ही में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी और उन पर लगे जासूसी के आरोपों के बाद से खुफिया एजेंट और एजेंसियों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसी कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं दुनिया की 10 सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसियों (Top 10 Intelligence Agencies In The World) के बारे में, जिसमें भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को भी अहम स्थान मिला है।

अमेरिका की CIA – दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी

Central Intelligence Agency (CIA) अमेरिका की खुफिया एजेंसी है, जिसे दुनिया की सबसे प्रभावशाली और ताकतवर एजेंसी माना जाता है। इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1947 में की गई थी। यह एजेंसी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जैसे मामलों में अहम भूमिका निभाती है। CIA दुनियाभर में अपने जाल से दुश्मनों की सूचनाएं इकट्ठा करती है और अमेरिका को खतरे से पहले ही आगाह कर देती है।

इजराइल की मोसाद – चुपचाप मारने वाली एजेंसी

Mossad, इजराइल की खुफिया एजेंसी है जो अपनी गुप्त ऑपरेशनों के लिए दुनियाभर में ख्याति प्राप्त है। इसकी स्थापना 1949 में हुई थी। इस एजेंसी की विशेषता यह है कि यह अपने दुश्मनों को दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढकर खत्म करने की क्षमता रखती है। मोसाद की कार्रवाइयां अक्सर इतनी गोपनीय होती हैं कि उनके बारे में दुनिया को बहुत बाद में पता चलता है।

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भारत की RAW – चुपचाप काम करने वाली भारतीय एजेंसी

Research and Analysis Wing (RAW) भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1968 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद की गई थी। RAW का मुख्य कार्य विदेशी खुफिया जानकारी जुटाना, आतंकवाद पर नजर रखना और देश की रणनीतिक सुरक्षा को मजबूत करना है। यह एजेंसी भारत की सीमाओं के बाहर विभिन्न देशों में ऑपरेशन चलाकर भारत को सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि RAW के कार्य और एजेंट्स के बारे में जानकारी आमतौर पर गुप्त रहती है, लेकिन इसकी उपलब्धियां विश्व स्तर पर मानी जाती हैं।

ब्रिटेन की MI-6 – जेम्स बॉन्ड की असली दुनिया

ब्रिटेन की Secret Intelligence Service (SIS) को आमतौर पर MI-6 के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1909 में हुई थी और यह ब्रिटिश सरकार को विदेशी खुफिया जानकारी उपलब्ध कराती है। MI-6 को लोकप्रिय फिल्मों में जेम्स बॉन्ड के रूप में प्रस्तुत किया गया है, लेकिन हकीकत में यह एजेंसी बेहद प्रोफेशनल और खतरनाक ऑपरेशन करती है।

पाकिस्तान की ISI – विवादों में रहने वाली एजेंसी

Inter-Services Intelligence (ISI) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है जिसकी स्थापना 1948 में हुई थी। यह एजेंसी अक्सर आतंकवाद को समर्थन देने और दक्षिण एशिया में गुप्त ऑपरेशन के लिए चर्चा में रहती है। ISI को पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बनाया गया था। हालांकि इसकी भूमिका को लेकर कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विवाद खड़े होते रहे हैं।

रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस – KGB की विरासत

रूस की Federal Security Service (FSB), जिसे पहले KGB के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 1994 में हुई थी। यह एजेंसी रूस के आंतरिक और विदेशी सुरक्षा मामलों पर नियंत्रण रखती है। FSB अपने विरोधियों और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जानी जाती है। यह एजेंसी साइबर जासूसी और राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए भी चर्चित रही है।

चीन की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी – साइबर दुनिया की महारथी

Ministry of State Security (MSS) चीन की खुफिया एजेंसी है जिसकी स्थापना 1 जुलाई 1983 को हुई थी। यह एजेंसी मुख्यतः साइबर जासूसी, औद्योगिक रहस्यों की चोरी और देश की सामरिक सूचनाओं की सुरक्षा के लिए काम करती है। चीन की MSS हाल के वर्षों में तेजी से शक्तिशाली हुई है और तकनीकी जासूसी के क्षेत्र में इसकी गहरी पकड़ है।

फ्रांस की DGSE – रणनीतिक रूप से सक्रिय

फ्रांस की खुफिया एजेंसी का नाम है Direction Générale de la Sécurité Extérieure (DGSE)। यह एजेंसी फ्रांस के विदेश मामलों की निगरानी करती है और आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाती है। DGSE को यूरोप की सबसे संगठित और प्रभावशाली एजेंसियों में गिना जाता है।

ऑस्ट्रेलिया की ASIS – शांत लेकिन सक्षम

Australian Secret Intelligence Service (ASIS) की स्थापना 1952 में हुई थी और यह एजेंसी ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए विदेशी जासूसी का काम करती है। ASIS की कार्यप्रणाली अन्य एजेंसियों के मुकाबले शांत रहती है लेकिन इसकी रणनीतिक क्षमताएं मजबूत हैं।

जर्मनी की BND – टेक्नोलॉजी में अग्रणी

जर्मनी की खुफिया एजेंसी Bundesnachrichtendienst (BND) की स्थापना 1956 में हुई थी। यह एजेंसी जर्मनी की विदेशी खुफिया इकाई है और यह आतंकवाद, संगठित अपराध, और साइबर हमलों पर निगरानी रखती है। BND को तकनीकी तौर पर सबसे सक्षम एजेंसियों में माना जाता है।

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