भारत में रोड ट्रिप का रोमांच और यात्रा का अलग ही आनंद है। पिछले कुछ सालों में ट्रेवल का चलन काफी बढ़ा है, और लोग अब अपनी गाड़ी उठाकर सफर पर निकल पड़ते हैं। लेकिन टोल प्लाजा और टोल टैक्स अक्सर यात्रियों की योजना पर असर डालते हैं। FASTag (फास्टैग) के आने से न केवल टोल भुगतान आसान हुआ है, बल्कि यह सफर को और भी सुगम बनाता है। इसके बावजूद कई लोग इसके लाभों से अनजान हैं।
टोल प्लान क्यों है जरूरी
टोल प्लाजा का मुख्य उद्देश्य सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। ये सड़कों को बेहतर क्वालिटी में बनाए रखने में मदद करते हैं और यात्रियों को हाईवे की सुविधाजनक, सुरक्षित और तेज यात्रा का अनुभव देते हैं। टोल प्लानिंग के बिना यात्रा में देरी और अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है।
FASTag के फायदे और अनदेखे पहलू
FASTag (फास्टैग) एक इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली है जो समय और पैसे दोनों की बचत करती है। यह आपके टोल भुगतान को स्वचालित और संपर्करहित बनाता है।
हालांकि, इसके उपयोग के बावजूद कई लोग इसके विशेष नियम और फायदे नहीं जानते।
- 10 सेकेंड का नियम: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने निर्देश दिया है कि अगर कोई वाहन 10 सेकेंड से अधिक समय तक टोल प्लाजा पर रुका रहता है, तो उसे बिना टोल भुगतान के आगे जाने दिया जाएगा।
- 100 मीटर का नियम: किसी भी टोल प्लाजा पर वेटिंग लाइन 100 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि यह सीमा पार होती है, तो वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। वेटिंग लाइन की पहचान के लिए हर टोल लेन में एक पीली रेखा होती है, जिसे ध्यान में रखकर आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
नियमों का उल्लंघन होने पर क्या करें?
अगर टोल प्लाजा पर इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है, तो आप भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की हेल्पलाइन 1033 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह नंबर यात्रियों की सहायता के लिए है, जहां आपके अधिकारों की सुरक्षा की जाती है।