वित्त वर्ष 2024-25 और निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए पेंशन पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) के नए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य पेंशनभोगियों के लिए कर प्रणाली को सरल और अधिक लाभकारी बनाना है। नई व्यवस्था के तहत पेंशनभोगियों को बढ़ी हुई स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट और परिवार पेंशन पर अधिक छूट जैसी कई राहतें दी गई हैं।
पेंशन पर TDS: क्या है यह प्रक्रिया?
पेंशन पर TDS का अर्थ है पेंशन भुगतान से स्रोत पर कर की कटौती। यह सरकार द्वारा पेंशनभोगियों की ओर से अग्रिम कर संग्रह का एक माध्यम है। TDS की दर पेंशनभोगी की कुल आय और लागू कर स्लैब पर निर्भर करती है।
पेंशनभोगियों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी आय और निवेश का सही आकलन करें ताकि TDS की सही दरें लागू हो सकें।
पेंशन पर TDS की नई दरें
नई कर व्यवस्था के तहत, पेंशनभोगियों के लिए TDS की दरें इस प्रकार हैं:
- ₹3,00,000 तक की वार्षिक पेंशन पर कोई TDS नहीं।
- ₹3,00,001 से ₹6,00,000 तक 5% TDS।
- ₹6,00,001 से ₹9,00,000 तक 10% TDS।
- ₹9,00,001 से ₹12,00,000 तक 15% TDS।
- ₹12,00,001 से ₹15,00,000 तक 20% TDS।
- ₹15,00,000 से अधिक आय पर 30% TDS।
ये दरें केवल नई कर व्यवस्था के तहत लागू होती हैं। पेंशनभोगियों के लिए पुरानी कर व्यवस्था चुनने पर अलग दरें लागू होंगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
नई कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई है। इसका लाभ यह होगा कि पेंशनभोगी अपनी कुल पेंशन आय से ₹75,000 तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
परिवार पेंशन पर छूट
परिवार पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए भी कटौती की सीमा बढ़ाई गई है। पहले ₹15,000 तक की कटौती मिलती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है। यह उन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है जो परिवार पेंशन पर निर्भर हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान
60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 80 वर्ष से अधिक आयु के अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ विशेष प्रावधान लागू किए गए हैं:
- 60-80 वर्ष आयु वर्ग के लिए ₹3,50,000 तक की आय पर कोई TDS नहीं।
- 80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए ₹5,00,000 तक की आय पर कोई TDS नहीं।
- चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर ₹50,000 तक की कटौती का लाभ।
इन प्रावधानों से वरिष्ठ नागरिकों की कर देयता में कमी आएगी।
नई बनाम पुरानी कर व्यवस्था
पेंशनभोगियों के पास नई और पुरानी कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प है।
नई कर व्यवस्था के फायदे
- कम कर दरें।
- सरल और पारदर्शी प्रक्रिया।
- अधिक स्टैंडर्ड डिडक्शन।
पुरानी कर व्यवस्था के फायदे
- कटौतियों और छूटों का लाभ।
- उच्च आय वर्ग के लिए अधिक फायदेमंद।
पेंशनभोगियों को अपनी आय और निवेश पैटर्न के आधार पर सही चुनाव करना चाहिए।
TDS रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया
पेंशन भुगतानकर्ता के लिए TDS रिटर्न फाइल करना एक नियमित प्रक्रिया है। इसे त्रैमासिक रूप से फाइल किया जाता है। रिटर्न फाइल करने के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर फॉर्म 26Q का उपयोग किया जाता है। सही और समय पर रिटर्न फाइल करना न केवल कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि पेंशनभोगियों को भी राहत प्रदान करता है।
टैक्स बचाने के उपाय
पेंशनभोगी अपनी कर देयता को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
- नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश।
- टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट।
- चिकित्सा बीमा प्रीमियम का लाभ।
- धारा 80G के तहत दान की कटौती।
- सरकारी बॉन्ड में निवेश।
इन उपायों का सही उपयोग करके पेंशनभोगी अपनी बचत को अधिकतम कर सकते हैं।