
भारत को लेकर एक बार फिर आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बड़ी भविष्यवाणी सामने आई है। प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य स्वामी योगेश्वरानंद गिरी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में यह दावा किया है कि 30 मई 2025 की तिथि भारत के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बन सकती है। स्वामी गिरी के अनुसार, इस दिन ग्रहों की जो दुर्लभ ज्योतिषीय स्थिति बनेगी, वह महाभारत काल के समय जैसी है और यह भारत के लिए नए युग (New Era) की शुरुआत का संकेत देती है।
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छह ग्रहों की दुर्लभ युति: परिवर्तन का संकेत
स्वामी गिरी के अनुसार, मई 2025 में एक दुर्लभ ज्योतिषीय घटना घटने जा रही है, जिसमें छह प्रमुख ग्रह एक विशेष स्थिति में एकत्र होंगे। यह स्थिति ऐतिहासिक रूप से बड़े परिवर्तन, संघर्ष और आध्यात्मिक जागरण से जुड़ी रही है। उन्होंने इसे एक “यज्ञ” के रूप में वर्णित किया है, जो न केवल विनाश बल्कि पुनर्निर्माण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया का प्रतीक है। उनके अनुसार, यह ग्रह स्थिति वैश्विक राजनीति, समाज और भारत के भविष्य को प्रभावित करेगी।
भारत में स्वर्ण युग की शुरुआत?
स्वामी योगेश्वरानंद गिरी का मानना है कि भारत पिछले 1000 वर्षों की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक चुनौतियों से उबर चुका है और अब वह एक स्वर्ण युग (Golden Era) में प्रवेश करने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सिर्फ एक आर्थिक महाशक्ति नहीं बनेगा, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नेतृत्व भी करेगा।
स्वामी गिरी ने स्पष्ट किया कि यह युग केवल आर्थिक उन्नति (Economic Growth) तक सीमित नहीं होगा, बल्कि भारत विश्व को रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), आयुर्वेद, योग और अध्यात्म के क्षेत्र में भी दिशा देगा।
संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर मिलने की भविष्यवाणी
सबसे चौंकाने वाली भविष्यवाणी यह रही कि स्वामी गिरी के अनुसार भारत को भविष्य में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में वीटो शक्ति (Veto Power) मिल सकती है। उन्होंने यह संभावना जताई कि जैसे-जैसे भारत की वैश्विक स्थिति मज़बूत होगी, वह वैश्विक मंच पर अमेरिका, रूस, चीन जैसी महाशक्तियों की श्रेणी में गिना जाएगा।
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संभावित युद्ध और ‘यज्ञ’ का अर्थ
स्वामी गिरी ने इस बात की भी चेतावनी दी कि इस परिवर्तनकाल में एक बड़ा युद्ध (Major Conflict) हो सकता है। उन्होंने इसे किसी पारंपरिक युद्ध के रूप में नहीं, बल्कि एक ‘यज्ञ’ के रूप में देखा है, जिसमें पुरानी व्यवस्थाओं का अंत और नई संरचनाओं का निर्माण होगा। उनके अनुसार, यह युद्ध भौतिक स्तर पर हो सकता है लेकिन उसका उद्देश्य आध्यात्मिक और सामाजिक पुनर्जागरण होगा।
भारत की वैश्विक भूमिका होगी पुनर्परिभाषित
स्वामी गिरी के अनुसार, इस परिवर्तन के बाद भारत की भूमिका केवल एशियाई उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रहेगी। वह वैश्विक स्तर पर अपनी रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान को फिर से परिभाषित करेगा। यह परिवर्तन भारतीय राजनीति, रक्षा, विज्ञान, और अध्यात्म जैसे सभी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।
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ज्योतिषीय दृष्टि से क्या है विशेष?
मई 2025 में बन रही ग्रह स्थिति में शनि, गुरु, मंगल, शुक्र, बुध और सूर्य की एक खास युति बन रही है। यह संयोग हर 5000-6000 वर्षों में एक बार आता है और इसे पौराणिक ग्रंथों में धार्मिक और सामाजिक क्रांति से जोड़कर देखा गया है। स्वामी गिरी का मानना है कि यही कारण है कि महाभारत काल के समय भी ऐसी ही स्थिति बनी थी।