महाकुंभ 2025 में ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी द्वारा महाकुंभ को वक्फ बोर्ड की जमीन पर आयोजित किए जाने के दावे का समर्थन किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि दावा करना मौलाना का अधिकार है, और इसकी सत्यता पर उचित जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजे जा सकते हैं तो वक्फ बोर्ड की जमीन पर महाकुंभ आयोजित करने के दावे पर सवाल क्यों उठाया जा रहा है? दावे का विरोध करना अनुचित है।”
धार्मिक और सामाजिक विवादों पर शंकराचार्य का बयान
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मौलाना बरेलवी के दावे पर बात करते हुए कहा कि न्याय की स्थापना होनी चाहिए और धर्म के मुद्दों को लेकर गोलबंदी से बचना चाहिए। उन्होंने भागवत कथा वाचक और कवि कुमार विश्वास द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्रियों सोनाक्षी सिन्हा और करीना कपूर पर की गई टिप्पणियों की आलोचना की। शंकराचार्य ने कहा, “इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से की जाती हैं। यह बयानबाजी सियासी महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है।”
‘घर वापसी’ और धार्मिक एकता पर विचार
महाकुंभ में आयोजित ‘घर वापसी’ कार्यक्रमों के बारे में शंकराचार्य ने सुझाव दिया कि इस पर विचार होना चाहिए कि लोग सनातन धर्म छोड़कर अन्य धर्मों में क्यों जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत में अगर हिंदू और मुस्लिम समुदाय को साथ रहना है तो सीमा का बैरियर तोड़ देना चाहिए। अगर यह संभव नहीं है तो पाकिस्तान में धर्म के आधार पर रहने वाले लोग वहां जा सकते हैं।”
शंकराचार्य ने यह भी कहा कि अगर सभी धर्मों के लोग मिलकर एक साथ रह सकते हैं तो इससे कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन महाकुंभ में उन्हीं लोगों का स्वागत होना चाहिए जो सनातन धर्म की भावना का सम्मान करते हैं।
सनातन बोर्ड की आवश्यकता पर जोर
सनातन बोर्ड के गठन पर अपनी राय देते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मठ, मंदिर और आश्रम को सरकारी दखल से मुक्त करना चाहिए। सनातन बोर्ड सरकार द्वारा गठित न होकर धर्माचार्यों द्वारा स्थापित होना चाहिए।
उन्होंने मुसलमानों के वक्फ बोर्ड और पर्सनल लॉ बोर्ड का उदाहरण देते हुए कहा कि यह संरचनाएं उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करती हैं। इसी प्रकार सनातन धर्म को भी स्वायत्तता मिलनी चाहिए।
गौ माता की रक्षा का संदेश
महाकुंभ में गौ माता की रक्षा का मुद्दा भी प्रमुख रहा। शंकराचार्य ने इसे महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि गौ माता को पशु नहीं बल्कि माता के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से गौ माता की रक्षा का संकल्प लेने का आग्रह किया।
मोहन भागवत और पीएम मोदी पर निशाना
शंकराचार्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले के समय ये नेता भावनात्मक बयान देते थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके विचार बदल गए। उन्होंने सवाल किया, “क्या उस समय उनकी बातें गलत थीं या अब वे गलत हैं?”
उपराष्ट्रपति के बयान का समर्थन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान पर सहमति जताते हुए शंकराचार्य ने कहा, “भगवान के दरबार में सभी बराबर होते हैं। किसी भी प्रकार का भेदभाव अस्वीकार्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके आश्रम में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।
महाकुंभ 2025 के संदर्भ में संतों का संदेश
महाकुंभ 2025 में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धर्म, समाज और राजनीति के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखते हुए कई विवादास्पद मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सामाजिक न्याय, धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं के महत्व को रेखांकित किया।