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सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लाखों वाहन चालकों को दी राहत, ड्राइविंग लाइसेंस पर आया बड़ा अपडेट Supreme Court Driving License Decision

ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, जिससे लाखों वाहन चालकों को मिली बड़ी राहत। अब LMV लाइसेंस धारक भी चला सकेंगे हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन। बीमा कंपनियों को लगा बड़ा झटका! जानिए कोर्ट के इस फैसले का आपके लाइसेंस और बीमा क्लेम पर क्या होगा असर।

By PMS News
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लाखों वाहन चालकों को दी राहत, ड्राइविंग लाइसेंस पर आया बड़ा अपडेट Supreme Court Driving License Decision
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लाखों वाहन चालकों को दी राहत, ड्राइविंग लाइसेंस पर आया बड़ा अपडेट Supreme Court Driving License Decision

देश में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे लाखों वाहन चालकों को राहत मिली है। यह फैसला खासतौर पर उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो लाइट मोटर व्हीकल (Light Motor Vehicle – LMV) लाइसेंस रखते हैं और हल्के कमर्शियल वाहनों को चलाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने पुराने विवादों को खत्म करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि एलएमवी लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक वजन वाले हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन भी चला सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा 2017 का फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने 2017 के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस (LMV Driving License) धारकों को 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने की अनुमति दी गई थी। यह फैसला भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने सुनाया जिसमें न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, पी एस नरसिम्हा, पंकज मिथल और मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

पीठ ने स्पष्ट किया कि अब तक ऐसा कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो कि एलएमवी लाइसेंसधारकों द्वारा हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई हो।

बीमा कंपनियों को लगा बड़ा झटका

इस फैसले से जहां वाहन चालकों को राहत मिली है, वहीं बीमा कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। बीमा कंपनियां लंबे समय से उन दावों को खारिज करती आ रही थीं जिनमें ड्राइवर के पास ट्रांसपोर्ट वाहन के लिए विशेष लाइसेंस नहीं होता था, भले ही वह वाहन 7500 किलो से कम वजन का ही क्यों न हो।

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है कि एलएमवी लाइसेंसधारी अगर 7500 किलोग्राम से कम वजन का वाहन चला रहे हैं, तो बीमा कंपनियां क्लेम खारिज नहीं कर सकतीं। इससे पहले मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) और अन्य निचली अदालतों ने भी बीमा कंपनियों की आपत्तियों को खारिज करते हुए क्लेम भुगतान के आदेश दिए थे, लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम रूप से निपटा दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी परिभाषा की स्पष्टता

कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि हल्के मोटर वाहन (LMV) की परिभाषा में वे सभी वाहन शामिल हैं जिनका कुल वजन 7500 किलोग्राम से कम है, चाहे वे निजी उपयोग के लिए हों या व्यावसायिक।

इस फैसले से यह भी तय हो गया है कि एक व्यक्ति जिसके पास एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस है, वह हल्के ट्रांसपोर्ट व्हीकल जैसे टेम्पो, पिकअप वैन या छोटे लोडर वाहनों को भी चला सकता है, बशर्ते वाहन का वजन 7500 किलोग्राम से कम हो।

बीमा कंपनियों की आपत्ति और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

बीमा कंपनियों ने अपनी आपत्तियों में कहा था कि कई बार निचली अदालतों ने उनके तर्कों को दरकिनार करते हुए उन्हें क्लेम भुगतान के निर्देश दिए। वे इस बात पर अड़ी थीं कि ट्रांसपोर्ट व्हीकल चलाने के लिए अलग लाइसेंस की आवश्यकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि अगर वाहन एलएमवी श्रेणी में आता है, तो अलग ट्रांसपोर्ट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

कोर्ट ने यह भी माना कि इस विषय पर लंबे समय से भ्रम बना हुआ था और बीमा कंपनियों द्वारा कई दावों में जानबूझकर पेचीदगियों को जन्म दिया गया, जिससे पीड़ित पक्षों को क्लेम पाने में मुश्किल होती थी।

वाहन चालकों के लिए फायदेमंद साबित होगा यह फैसला

यह ऐतिहासिक निर्णय उन लाखों ड्राइवरों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो एलएमवी लाइसेंस लेकर ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाते हैं। यह फैसला उन्हें कानूनी सुरक्षा देता है और साथ ही बीमा दावों की अस्वीकृति से भी बचाता है।

इससे उन लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा जो कमर्शियल वाहन चलाकर अपना जीवनयापन करते हैं लेकिन विशेष ट्रांसपोर्ट लाइसेंस की प्रक्रिया और खर्च के कारण असमंजस में रहते थे। अब उन्हें दोहरी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ट्रैफिक नियमों के पालन की जिम्मेदारी अब और जरूरी

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह राहत जरूर दी है, लेकिन साथ ही यह भी अपेक्षा की है कि सभी वाहन चालक ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) का पूरी तरह से पालन करें। ड्राइविंग के समय सावधानी, गति सीमा, सीट बेल्ट, हेलमेट आदि जैसे नियमों को नजरअंदाज करने पर कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

इस फैसले के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि बीमा कंपनियां अब पारदर्शिता से काम करेंगी और ट्रांसपोर्ट वाहन चालकों को कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।

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