उत्तराखंड राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में बिजली बिल सब्सिडी योजना को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत प्रदान करना है, ताकि वे अपनी बिजली की खपत पर अधिक बोझ महसूस न करें। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्रों में 1 किलोवाट और 100 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है, जबकि हिम आच्छादित क्षेत्रों में 200 यूनिट तक के घरेलू बिजली बिल पर 50 प्रतिशत छूट दी जा रही है।
अब तक इस योजना के तहत लगभग 30 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है, जो कि राज्य सरकार की ओर से एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराना है, ताकि वे अधिकतर घरेलू कार्यों में इसका उपयोग कर सकें।
सब्सिडी योजना का दुरुपयोग और कार्रवाई
हालांकि, योजना का कुछ स्थानों पर दुरुपयोग भी देखा गया है। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि कई मामलों में एक ही परिवार ने एक ही घर में अलग-अलग 1 किलोवाट के तीन कनेक्शन लेकर इस योजना का लाभ उठाने की कोशिश की। ऐसे मामलों में अब दोगुनी राशि जुर्माने के रूप में वसूल की जाएगी, ताकि इस योजना का सही तरीके से उपयोग हो सके और इसका फायदा केवल पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे। इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है।
हिमाच्छादित क्षेत्रों का निर्धारण
इसके अलावा, योजना के सही तरीके से कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए हिमाच्छादित क्षेत्रों का निर्धारण अब जिलाधिकारियों के स्तर पर किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छूट का सही तरीके से वितरण किया जाए और जो लोग इसके पात्र हैं, वे इसका लाभ उठा सकें। यह कदम भी योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और सुचारु रूप से चल सकें।