हमारे जीवन में एक न एक बार ऐसी स्थिति सामने आ जाती है, जब हमें पैसों की अधिक आवश्यकता रहती है, किन्तु पैसों की व्यवस्था न हो पाने की वजह से पर्सनल लोन का सहारा ही लेना होता है, और पर्सनल लोन आसानी से मिल भी जाता है, पर्सनल लोन आसानी से मिल जाने के कारण इसे आपातकालीन लोन भी कहा जाता है।
अगर आपने भी पर्सनल लोन ले रखा है, और आपको यह लग रहा है की आपके बैंक की तरफ से पर्सनल लोन पर अधिक ब्याज लिया जा रहा है, ऐसी स्थिति में आपके पास पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का भी विकल्प है, जिससे आपको बहुत ज्यादा राहत मिल सकेगी।
बैलेंस ट्रांसफर को जाने
बैलेंस ट्रांसफर वो रास्ता है, जो की आपको आपके चल रहे लोन को एक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने का मौका देता है, ज्यादातर लोगों द्वारा लोन की ज्यादा दर से मुक्ति पाने में इस तरीके का निर्णय लिया जाता है, अगर आपका क्रेडिट स्कोर बढ़िया हो तो अन्य बैंक काफी सरलता से वर्तमान की ब्याज दर की तुलना में सस्ता लोन दे देते है।
बैलेंस ट्रांसफर के अन्य लाभ
बैलेंस ट्रांसफर में सबसे प्रमुख लाभ तो चल रहे लोन की वर्तमान की ब्याज दर से अच्छी ब्याज दर को पाना है, जिससे EMI का बोझ कम हो सके, और इसका दूसरा लाभ यह है की बैलेंस ट्रांसफर की डेविस को इस्तेमाल करके लोन लेने वाला अपना वर्तमान के पर्सनल लोन की बची समय सीमा के मुकाबले में ज्यादा टाइम पीरियड हो जाने से EMI की रकम छोटी हो जाती है, लेकिन यहां पर लोन लेने वाले को ज्यादा ब्याज की पेमेंट करनी होती है।
काफी बैंक की ओर से ट्रांसफर कर रहे लोगों को टॉप अप पर्सनल लोन की सर्विस दी जाती है, टॉप उप पर्सनल लोन कस्टमर को उसके रनिंग लोन के अतिरिक्त ज्यादा पैसे उधार लेने की क्षमता देते है।
बैलेंस ट्रांसफर के वक्त शुल्क
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के मामले में नए बैंक में किसी कोलटैलर की आवश्यकता नहीं रहती है, लेकिन इसमें आप अपने वर्तमान के बैंक जिसमें आपने अपने लोन को ट्रांसफर करना हो तो वहां स्टाम्प ड्यूटी सहित लोन के प्रोसेसिंग शुल्क और दूसरे शुल्क को देना पड़ सकता है, इसको सामान्य रूप से नए पर्सनल लोन को अप्लाई करने में लेते है।