आजकल अधिकतर घरों में इलेक्ट्रिक एप्लायंसेज का इस्तेमाल बढ़ गया है, जो भारी बिजली बिलों का कारण बनता है। अगर आप भी महंगे बिजली बिलों से परेशान हैं, तो एक सोलर सिस्टम अपने घर की छत पर लगाने से राहत पा सकते हैं। इस प्रक्रिया में आपको सरकारी सब्सिडी का लाभ भी मिल सकता है, जिससे सोलर पैनल लगाने का खर्चा कम हो जाता है। इस लेख में हम सोलर पैनल के जीवनकाल, उसकी मेंटेनेंस, और बिजली बचाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सोलर पैनल का लाइफस्पैन कितना होता है?
यदि आप बिजली बिल को शून्य पर लाना चाहते हैं, तो अपने घर की प्रॉपर्टी पर सोलर पैनल लगाना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है। सोलर पैनल फोटोवोल्टिक सेल्स का उपयोग करते हैं जो सूर्य की रोशनी को बिजली में परिवर्तित करते हैं, जिससे आप अपने इलेक्ट्रिक उपकरणों को बिना ग्रिड पर निर्भर हुए चला सकते हैं। इसके साथ ही एक इन्वर्टर और बैटरी की भी आवश्यकता होती है, ताकि उत्पन्न बिजली का सही ढंग से उपयोग हो सके। भारत में केंद्र और राज्य सरकारें सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी देकर लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं।
सोलर पैनल में निवेश क्यों फायदेमंद है?
सोलर पैनल में किया गया निवेश एक मुनाफे वाला निर्णय साबित होता है, क्योंकि इसके जरिए किया गया खर्चा लगभग 4 से 5 साल में पूरा हो सकता है, इसके बाद आप लंबे समय तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। आमतौर पर, सोलर पैनल की एफिशिएंसी हर वर्ष लगभग 0.5% घटती है। कई निर्माता कंपनियों का दावा है कि सही मेंटेनेंस के साथ, पैनल 25 साल बाद भी 80% क्षमता के साथ बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। यह लंबी अवधि में सोलर पैनल को एक स्थायी ऊर्जा स्रोत बनाता है।
सोलर पैनल की सर्विसिंग का खर्च कितना आता है?
अगर आपने अपने घर में सोलर पैनल इंस्टॉल किया है या करने की सोच रहे हैं, तो उसकी मेंटेनेंस की जानकारी होना बेहद जरूरी है। नियमित मेंटेनेंस से पैनल की पावर जनरेशन क्षमता बरकरार रहती है। समय-समय पर सोलर पैनल को साफ करना आवश्यक होता है, ताकि उन पर धूल और गंदगी जमा न हो और उनकी एफिशिएंसी प्रभावित न हो।
यदि आप सोलर पैनल की सर्विसिंग करवाना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है कि उसी कंपनी से संपर्क करें जिसने सोलर पैनल इंस्टॉल किए हैं। कई कंपनियां एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (AMC) ऑफर करती हैं, जो कि पैनल इंस्टॉल करते समय लिया जा सकता है। AMC के तहत कुछ सर्विस मुफ्त में प्रदान की जाती हैं, जबकि अन्य सेवाओं के लिए नाममात्र शुल्क देना पड़ सकता है।