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Smart Meter यूजर्स सावधान! स्मार्ट मीटर बन रहा मुसीबतों की जड़, कट सकता है बिजली कनेक्शन

बिना नोटिस बिजली कटना, अचानक बढ़ते बिल और साइबर फ्रॉड! Smart Meter बन गया है आम लोगों की सबसे बड़ी मुसीबत। क्या आपकी बिजली भी कभी भी कट सकती है? इस रिपोर्ट में जानिए कैसे स्मार्ट टेक्नोलॉजी बन रही है खतरा और क्या है इससे बचने का तरीका

By PMS News
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Smart Meter यूजर्स सावधान! स्मार्ट मीटर बन रहा मुसीबतों की जड़, कट सकता है बिजली कनेक्शन
Smart Meter यूजर्स सावधान! स्मार्ट मीटर बन रहा मुसीबतों की जड़, कट सकता है बिजली कनेक्शन

देशभर में बिजली वितरण व्यवस्था को स्मार्ट और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की मुहिम चलाई थी, लेकिन अब यही स्मार्ट मीटर कई उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बनते जा रहे हैं, कई राज्यों से शिकायतें आ रही हैं कि उपभोक्ताओं को बिना बताए बिजली काट दे रहे हैं, इसके पीछे की वजह स्मार्ट मीटर की टेक्नोलॉजी या उससे जुडी स्वचालित व्यवस्था, जो कभी-कभी उपभोक्ताओं के लिए झटका बन रही है।

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बिना बकाया के भी कट रही बिजली, उपभोक्ता परेशान

हाल ही में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में हजारों उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि उनका बिजली कनेक्शन बिना किसी नोटिस या ड्यू बकाया के काट दिया गया। यह सब स्मार्ट मीटर की वजह से हो रहा है। स्मार्ट मीटर एक स्वचालित प्रणाली पर आधारित होता है जो रियल टाइम में डेटा को रिकॉर्ड और ट्रांसमिट करता है। इसमें जैसे ही बैलेंस कम होता है या रिचार्ज समय पर नहीं होता, बिजली सप्लाई अपने आप कट जाती है।

बिजली कंपनियों का पक्ष: पारदर्शिता और नियंत्रण

बिजली कंपनियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर से पारदर्शिता बढ़ी है और उपभोक्ताओं को सही खपत का बिल मिल रहा है। साथ ही, इससे बिजली चोरी पर भी रोक लगी है। कंपनियां दावा करती हैं कि उपभोक्ता अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अपना बैलेंस, खपत और रिचार्ज स्थिति देख सकते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना कम हो गई है।

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लेकिन क्या ये तकनीक आम जनता के लिए तैयार है?

समस्या यह है कि अधिकतर ग्रामीण या कम साक्षर इलाकों में लोग स्मार्ट मीटर की तकनीक को पूरी तरह नहीं समझते। उन्हें यह पता नहीं होता कि कितना बैलेंस बाकी है या कब बिजली कट सकती है। कई बार नेटवर्क या डेटा सिंक की गड़बड़ी से भी गलत कटौती हो जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। रात में बिजली कट जाना, मेडिकल उपकरण बंद हो जाना या गर्मी में AC-कूलर बंद हो जाना लोगों के लिए संकट बन चुका है।

सरकार की योजना और जमीनी सच्चाई

सरकार की ओर से स्मार्ट मीटर योजना को बढ़ावा दिया गया था ताकि रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के इस्तेमाल को बढ़ाया जा सके और पावर लॉस को कम किया जा सके। इस योजना के अंतर्गत 2025 तक देश में करीब 25 करोड़ मीटर को स्मार्ट मीटर में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कई विदेशी कंपनियों के साथ करार भी किए गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश उपभोक्ताओं को इसके उपयोग की सही जानकारी ही नहीं दी गई।

उपभोक्ताओं की मांग: पुरानी व्यवस्था बहाल हो या जागरूकता बढ़े

कई उपभोक्ता संगठनों ने मांग की है कि जब तक सभी लोगों को इस तकनीक की पूरी समझ नहीं दी जाती, तब तक या तो पुरानी मैन्युअल रीडिंग व्यवस्था बहाल की जाए या फिर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। उपभोक्ता यह भी मांग कर रहे हैं कि रिचार्ज खत्म होने से पहले SMS या कॉल के माध्यम से नोटिस मिले, जिससे वे समय रहते भुगतान कर सकें।

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स्मार्ट मीटर की वजह से बढ़े साइबर फ्रॉड के मामले

एक और गंभीर मुद्दा है साइबर फ्रॉड। कई उपभोक्ता ऐसे लिंक पर क्लिक कर रहे हैं जो उन्हें “बकाया बिजली बिल” के नाम पर भेजे जाते हैं। इससे उपभोक्ताओं के बैंक अकाउंट से पैसे कटने की घटनाएं बढ़ी हैं। स्मार्ट मीटर के डिजिटल नेचर का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगों को निशाना बना रहे हैं।

समाधान क्या है?

इस समस्या का स्थायी समाधान उपभोक्ताओं को शिक्षित और जागरूक करना है, बिजली वितरण कंपनियों को चाहिए कि वे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित करें, जिसमें स्मार्ट मीटर के उपयोग, बैलेंस चेक, रिचार्ज प्रक्रिया और चेतावनी प्रणाली की जानकारी दी जाए। इसके अलावा, एक मैनुअल अलर्ट सिस्टम भी विकसित किया जाए जो उपयोगकर्ताओं को समय रहते सूचना दे सके।

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