राजस्थान में इस समय शीतलहर और घने कोहरे का प्रकोप जारी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। जयपुर समेत 12 जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को 1 से 5 दिनों तक बंद रखा जाएगा। दौसा और अजमेर जिलों में 7 जनवरी को अवकाश घोषित किया गया है, जबकि भरतपुर जिले में स्कूल 9 जनवरी तक बंद रहेंगे।
धौलपुर, कोटा और श्रीगंगानगर में भी स्कूल बंद
राजस्थान के धौलपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं और चुरू जिलों में 7 से 11 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे। चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और करौली जिलों में 7 से 9 जनवरी तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। करौली में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल सुबह 10 बजे से संचालित करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन का यह निर्णय बच्चों को कड़ाके की ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए लिया गया है।
बिहार में 15 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टी
बिहार में भी ठंड और कोहरे का व्यापक असर देखा जा रहा है। पटना में कक्षा 8 तक के स्कूलों को 11 जनवरी तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। गया, सारण और भोजपुर जिलों में 9 जनवरी तक अवकाश घोषित किया गया है। इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों में स्कूलों को 15 जनवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में भी बढ़ीं छुट्टियां
उत्तर प्रदेश में भी शीतलहर का असर साफ नजर आ रहा है। लखनऊ में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को 11 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। फर्रुखाबाद और लखीमपुर खीरी में स्कूलों को 14 जनवरी तक बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। अब उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल 15 जनवरी के बाद ही खुलेंगे।
प्रशासन का सख्त रुख
राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने के आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। किसी भी स्कूल में इन आदेशों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता पर
तीनों राज्यों के प्रशासन का फोकस बच्चों की सुरक्षा पर है। शीतलहर और कोहरे के कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी कठिनाई हो रही है। अभिभावकों को भी सलाह दी गई है कि वे बच्चों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाकर ही बाहर भेजें।
कोहरे का व्यापक प्रभाव
घने कोहरे और ठंड का असर केवल स्कूलों पर ही नहीं, बल्कि सामान्य जनजीवन पर भी पड़ रहा है। सुबह और शाम के समय कोहरे की मोटी चादर के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है। सड़क और रेल यातायात पर इसका बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है। ट्रेनें और बसें देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अत्यधिक आवश्यक होने पर ही यात्रा करें और ठंड से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतें। साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए घरों में रहें और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।