बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसके अनुसार 2025 में गर्मी की छुट्टियों की तारीखें दिसंबर 2024 में ही घोषित कर दी जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को पहले से अपने यात्रा और अन्य योजनाओं को व्यवस्थित करने का अवसर प्रदान करना है।
इससे न केवल शिक्षकों को सुविधाजनक समय मिलेगा, बल्कि वे अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच बेहतर संतुलन बना पाएंगे। एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों से यह भी आग्रह किया कि वे गर्मी की छुट्टियों के दौरान बच्चों को होमवर्क और प्रोजेक्ट वर्क दें, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो। यह कदम छात्रों के शिक्षा स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां शिक्षा की गुणवत्ता में अंतर आ सकता है।
सर्दियों की छुट्टियों का निर्णय भी जिलाधिकारियों के हाथ में
एस. सिद्धार्थ ने यह भी आश्वस्त किया कि सर्दियों की छुट्टियों के संदर्भ में भी उचित निर्णय लिए जाएंगे। जिलाधिकारियों (DM) को यह अधिकार दिया गया है कि यदि तापमान में गिरावट होती है, तो वे स्कूलों को बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। यह कदम छात्रों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे ठंडे मौसम में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह निर्णय प्रशासन के लचीले दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो हमेशा छात्रों के भले के लिए काम करता है।
पूर्व एसीएस केके पाठक की नीति में बदलाव
इससे पहले, बिहार के पूर्व एसीएस केके पाठक की नीति में कुछ बदलाव थे, जिनमें डीएम के अधिकारों को सीमित किया गया था और गर्मी की छुट्टियों में भी स्कूल खोलने का निर्देश दिया गया था। इस नीति का विरोध किया गया था, क्योंकि इससे शिक्षकों और छात्रों दोनों को असुविधा हुई थी। वर्तमान प्रशासन ने इस नीति में बदलाव करते हुए जिलाधिकारियों को उनके अधिकार लौटाए हैं, ताकि वे स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर निर्णय ले सकें। इस बदलाव से शिक्षकों और छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह निर्णय शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक संतुलित और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार सरकार का यह कदम न केवल शिक्षकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह छात्रों की पढ़ाई और उनकी सेहत के लिए भी लाभकारी साबित होगा।