SBI Saving Account: भारतीय स्टेट बैंक (SBI), देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, समय-समय पर अपने ग्राहकों के लिए नए नियम और बदलाव पेश करता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव है एसबीआई सेविंग अकाउंट के मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) से संबंधित। यदि आपका भी खाता एसबीआई में है, तो आपको इन नए नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि आपको किसी प्रकार का वित्तीय नुकसान न उठाना पड़े। आइए जानते हैं एसबीआई द्वारा बनाए गए इन नए नियमों के बारे में।
एसबीआई का नया मिनिमम बैलेंस नियम
एसबीआई ने अपने सेविंग खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की राशि को लेकर एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके तहत, ग्राहकों को अब बैंक के नियमों के मुताबिक न्यूनतम राशि बनाए रखनी होगी, अन्यथा जुर्माना वसूला जा सकता है। हालांकि, 11 मार्च 2020 को एसबीआई ने यह घोषणा की थी कि एवरेज मंथली मिनिमम बैलेंस (AMMB) को माफ कर दिया गया है। इसका मतलब यह था कि यदि कोई ग्राहक अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखता है, तो उसे जुर्माना नहीं लगेगा।
लेकिन फिर भी, शहरों के हिसाब से मिनिमम बैलेंस की एक सीमा तय की गई थी। मेट्रो शहरों में यह राशि ₹3000, अर्धसैनिक क्षेत्रों में ₹2000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1000 रखी गई थी। इन मिनिमम बैलेंस को बनाए रखने का नियम अब हटा दिया गया है, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है।
एसबीआई द्वारा SMS चार्ज के नियम में बदलाव
एसबीआई ने यह भी घोषणा की कि अब एसएमएस चार्ज (SMS Charge) को भी माफ कर दिया गया है। इससे पहले, ग्राहकों से संदेश सेवा के लिए शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब यह शुल्क 2020 से लागू नहीं होगा। इसके साथ ही, एसबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ग्राहकों ने निर्धारित तिथि से पहले अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा है, तो उन्हें जुर्माना चुकाना होगा।
एसबीआई खाते में मिनिमम बैलेंस चेक करने के तरीके
एसबीआई के ग्राहक अब बड़ी आसानी से अपने खाते का मिनिमम बैलेंस चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 0922376666 पर “BAL” लिखकर भेजना होगा। इसके बाद, उन्हें उनके एसबीआई खाते का मिनी स्टेटमेंट और अन्य संबंधित जानकारी मिल जाएगी। यह एक सरल और त्वरित तरीका है अपने खाते का बैलेंस चेक करने का।
क्या ग्राहक एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं?
एसबीआई में ग्राहक कई कस्टमर आईडी के तहत अलग-अलग सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं, लेकिन सभी अकाउंट को एक ही कस्टमर आईडी से इंटरलिंक करना जरूरी है। यह प्रक्रिया बैंक के नियमों के मुताबिक होनी चाहिए, ताकि सभी खातों का समुचित प्रबंधन किया जा सके।