देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने अपने बेसिक लेंडिंग रेट्स, यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) की दरों में बदलाव का ऐलान किया है। ये नई दरें 15 दिसंबर 2024 से लागू होंगी और 15 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेंगी। बैंक ने अपनी नई दरों की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि MCLR को जस का तस रखा गया है, जिससे लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी।
लेकिन सवाल है कि यह बदलाव आपके होम लोन, कार लोन, और पर्सनल लोन की EMI को कैसे प्रभावित करेगा? आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
MCLR क्या है और इसका EMI पर क्या असर पड़ता है?
MCLR (Marginal Cost of Lending Rate) बैंकों की वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर वे अपने कर्ज की ब्याज दरें तय करते हैं।
- यदि MCLR बढ़ता है, तो नए लोन और रीसेट डेट पर पुराने लोन की EMI भी बढ़ जाएगी।
- यदि MCLR में कोई बदलाव नहीं होता, तो EMI पहले जैसी ही रहती है।
उदाहरण:
मान लीजिए आपने 1 साल की अवधि के लिए होम लोन लिया है और ब्याज दर 9% है। यदि MCLR में बदलाव नहीं हुआ है, तो आपकी EMI प्रभावित नहीं होगी।
SBI की नई MCLR दरें
एसबीआई ने इस बार अपनी ब्याज दरों में कोई वृद्धि नहीं की है।
- लोन ग्राहकों की EMI रीसेट डेट पर पहले जैसी ही रहेगी।
- 42% से अधिक कर्ज लेने वाले SBI ग्राहक MCLR आधारित ब्याज दरों पर निर्भर हैं, जिससे यह फैसला सीधा उन्हें लाभ पहुंचाता है।
कैसे जानें आपकी EMI पर असर होगा या नहीं?
- आपका लोन रीसेट डेट पर आधारित है। रीसेट डेट वह समय है जब आपका लोन ब्याज दर पुनः तय होता है।
- अगर रीसेट डेट 15 दिसंबर 2024 से पहले या बाद में है, तो आपकी EMI पर असर पड़ सकता है।
- अपने लोन डॉक्युमेंट्स को देखें और यह सुनिश्चित करें कि आपका लोन MCLR पर आधारित है।
EMI की गणना कैसे करें?
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी EMI कितनी होगी, तो SBI की EMI कैलकुलेटर सुविधा का उपयोग करें।
- स्टेप 1: SBI EMI कैलकुलेटर पर जाएं।
- स्टेप 2: लोन की राशि, ब्याज दर और अवधि दर्ज करें।
- स्टेप 3: “Calculate” पर क्लिक करें।