डिजिटल बैंकिंग ने आज के समय में वित्तीय प्रबंधन को नया आयाम दिया है। भारतीय समाज में बैंकिंग सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है, और लोग अब पैसे की सुरक्षा के लिए बैंकों पर अधिक भरोसा करते हैं। आधुनिक तकनीकी युग में, सेविंग अकाउंट खोलना न केवल आपके पैसे को सुरक्षित बनाता है, बल्कि आपको इस पर ब्याज भी प्राप्त होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेविंग अकाउंट में कितनी राशि रखना उचित है और इसके लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए?
सेविंग अकाउंट में पैसा रखने की सीमा
अगर आपके पास सेविंग अकाउंट है, तो आपको यह जानकर राहत मिलेगी कि इसमें पैसे रखने की कोई निश्चित सीमा नहीं है। आप जितना चाहें, उतना पैसा अपने खाते में रख सकते हैं। लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आपकी जमा राशि एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो आपको इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी।
इनकम टैक्स और जमा राशि का नियम
इनकम टैक्स विभाग के नियमों के अनुसार, अगर सेविंग अकाउंट में बड़ी राशि जमा होती है, तो उसके स्रोत का विवरण देना अनिवार्य है। यदि आप ऐसा नहीं करते, तो विभाग आपके खिलाफ जांच शुरू कर सकता है।
यदि जमा की गई राशि पर आयकर का प्रावधान लागू होता है, तो आपको:
- 60% टैक्स
- 25% सरचार्ज
- 4% सेस टैक्स
जैसे शुल्क देने पड़ सकते हैं।
इसलिए, बड़ी रकम जमा करने से पहले इन नियमों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।
क्या सेविंग अकाउंट में मोटी रकम रखना सही है?
सेविंग अकाउंट में बड़ी राशि रखना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। हालांकि यह आपके पैसे को सुरक्षित रखने का एक सरल तरीका है, लेकिन लंबी अवधि के लिए इसे वहां रखना आपके लिए वित्तीय दृष्टि से नुकसानदायक हो सकता है।
- निवेश का विकल्प:
आप अपने पैसे को शेयर बाजार, म्युचुअल फंड या बॉन्ड्स में निवेश करके बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। - कम जोखिम वाले विकल्प:
जो लोग जोखिम नहीं उठाना चाहते, उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह न केवल आपके पैसे को सुरक्षित रखता है, बल्कि अच्छा ब्याज भी देता है।
सावधानी और वित्तीय प्रबंधन
अगर आप डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करते हैं, तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी हर वित्तीय गतिविधि का रिकॉर्ड हो। इससे न केवल आप अपने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि टैक्स नियमों के उल्लंघन से भी बच सकते हैं।