सैलरी अकाउंट वो अकाउंट है, जिसे कंपनी द्वारा खोला जाता है, इसमें हर महीने आपकी सैलेरी क्रेडिट होती है, सैलरी अकाउंट को भी एक तरह का सेविंग्स अकाउंट कहा जा सकता है, इसमें भी आपको एटीएम, चेकबुक, नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, आदि सुविधाएं दी जाती है, लेकिन यह सामान्य सेविंग्स अकाउंट से थोड़ा अलग ही होता है।
जीरो बैलेंस सुविधा
सैलरी अकाउंट पर लोगों को जीरो बैलेंस की सुविधा मिलती है, अगर तीन महीने तक आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस रहता है, तो बैंक आप पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाता है, जबकि सामान्य सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना जरुरी होता है, और ऐसा न करने पर पेनल्टी देनी पड़ती है।
ATM से फ्री ट्रांजेक्शंस
कई बैंक सैलरी अकाउंट पर फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन की सुविधा देते है, इसमें बैंक में SBI, ICICI Bank, HDFC Bank आदि के नाम शामिल है, ऐसे में आपने एटीएम से महीने से में कितनी बार ट्रांजेक्शन किया है, इसको लेकर आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है, और इसके साथ ही, सैलरी अकाउंट के एटीएम पर सालाना चार्ज नहीं लिया जाता है।
लोन की सुविधा
सैलरी अकाउंट पर आपको पर्सनल लोन, कर लोन होम लोन आदि लोन आसानी से मिल जाता है, सैलेरी अकाउंट वाले ग्राहकों को पर्सनल लोन और होम लोन पर बेहतर ब्याज दर मिलती है, क्यूंकि इस तरह के लोन के साथ बैंक को रिस्क का खतरा कम रहता है, सैलरी अकाउंट और स्टेटमेंट आपकी सैलरी का प्रामणिक डॉक्यूमेंट होता है, इसके लिए डॉक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन का काम भी आसानी से हो सकता है।
लॉकर चार्ज पर छूट
कई बैंक सैलेरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में छूट देते है, अगर एसबीआई की बात करें तो बैंक सैलेरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में 25 फीसदी तक की छूट मिलती है, लेकिन अगर आपके बैंक को पता चल जाता है, की आपके बैंक में सैलेरी नहीं आ रही है, तो जो बैंक आपको सुविधाएं देता है, वह वो वापस ले लेता है, ऐसे में आपके बैंक अकाउंट को नार्मल सेविंग्स अकाउंट की तरह ही जारी रखा जाता है।