रूस में पिछले कुछ वर्षों से जनसंख्या संकट बढ़ता जा रहा है, जो न केवल देश की सुरक्षा के लिए, बल्कि उसके सामाजिक और आर्थिक भविष्य के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध और घटती जन्म दर के कारण रूस की जनसंख्या में तेजी से गिरावट आई है। रूस की वर्तमान जन्म दर प्रति महिला 1.5 बच्चे है, जबकि आबादी को स्थिर रखने के लिए 2.1 बच्चे प्रति महिला की जन्म दर होनी चाहिए।
चार बच्चे पैदा करने की अपील
रूस के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित निजनी नोवगोरोड ओब्लास्ट प्रांत ने इस संकट से निपटने के लिए एक अनोखी पहल की है। इस पहल के तहत, सरकार ने नागरिकों से चार-चार बच्चे पैदा करने की अपील की है। इसके साथ ही, सरकार ने यह घोषणा की है कि हर बच्चे के जन्म पर 10 लाख रुबल (लगभग 8 लाख रुपये) की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
अनुदान योजना कैसे काम करेगी?
निजनी नोवगोरोड ओब्लास्ट के गवर्नर ग्लेब निकितिन ने बताया कि पहले और दूसरे बच्चे के लिए मातृत्व अनुदान का भुगतान केंद्रीय निधि से किया जाएगा, जबकि तीसरे और चौथे बच्चे के लिए क्षेत्रीय निधि से अनुदान मिलेगा। इस अनुदान योजना के तहत, कोई विशेष शर्तें नहीं रखी गई हैं, लेकिन इसे विशेष रूप से 18 से 23 साल की युवतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पेश किया गया है।
रूस सरकार की अन्य योजनाएँ
रूस की सरकार ने जनसंख्या संकट से निपटने के लिए अन्य योजनाओं की शुरुआत भी की है। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना ‘सेक्स मिनिस्ट्री’ का गठन है। इस मंत्रालय का उद्देश्य रूस में परिवारों के बढ़ने को प्रोत्साहित करना है और इसके तहत कई कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है।
इसके अलावा, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फेडरेशन काउंसिल की अध्यक्ष वेलेंटिना मतविएन्को को इस मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री येवगेनी शेस्टोपालोव ने भी नागरिकों से अपील की है कि वे काम से अवकाश लेकर संतानोत्पत्ति पर ध्यान दें। उनका कहना है कि काम की व्यस्तता किसी भी परिवार के लिए संतानोत्पत्ति में बाधा नहीं बननी चाहिए।
जनसंख्या संकट पर रूस का दृष्टिकोण
रूस का मानना है कि अगर इन योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो यह देश को जनसंख्या वृद्धि के मामले में मदद कर सकती हैं। रूस की सरकार का लक्ष्य एक सुपर मजबूत देश बनाना है, जो न केवल सैन्य दृष्टि से मजबूत हो, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी स्थिर हो।