
भारत में केंद्र सरकार की तरफ से यातायात के नियमों में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं, और 2025 में भी यह बदलाव किए गए हैं। नए RTO नियमों के तहत, गाड़ी चलाने के लिए सख्त नियमों का पालन करना जरूरी होगा, जो न केवल उनकी जेब पर असर डाल सकते हैं, बल्कि गंभीर अपराध होने पर गाड़ी का सीज होना, ड्राइविंग लाइसेंस का रद्द होना, और जेल की सजा भी हो सकती है। आइए जानते हैं, RTO New Rules 2025 के बारे में विस्तार पूर्वक।
नए नियमों में कैसे आया बदलाव
इस साल यातायात के नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। जिनमें से सबसे बड़ा बदलाव हाईटेक तकनीकी से जुड़ा हुआ है, जो अब गाड़ी चलाने वालों पर नजर रखेगा, सड़क पर चलने वाले प्रत्येक यात्री की स्कैनिंग की जाएगी, और उनकी हरकतें हाईकोर्ट कैमरे द्वारा रिकॉर्ड की जाएगी, यह नियम केवल चार पहिया वाहनों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि टू-व्हीलर को भी इसमें शामिल किया गया है। इन स्कैनिंग से गाड़ी का इंश्योरेंस स्टेटस भी चेक किया जा सकेगा, और जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके ऊपर भारी जुर्माना वसूला जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस और जुर्माने के नियम
2025 के नए RTO नियमों के तहत ड्राइविंग लाइसेंस के उल्लंघन पर अब ₹10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। सड़क पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर जुर्माना ₹1000 से ₹2000 तक हो सकता है। नाबालिकों द्वारा गाड़ी चलाने पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई नाबालिक गाड़ी चलाते पकड़ा गया, तो उसके गाड़ी के मालिक से ₹25,000 का जुर्माना वसूला जाएगा और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड भी रद्द कर दिया जाएगा। नाबालिक का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक नहीं बन सकेगा।
90 दिन के भीतर चालान का भुगतान जरूरी
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए एक और बड़ा बदलाव किया गया है। अब गाड़ी मालिकों को 90 दिनों के भीतर चालान का भुगतान करना अनिवार्य होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उनका वाहन ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। ब्लैकलिस्ट होने के बाद वह वाहन फिटनेस टेस्ट, प्रदूषण जांच, और ओनरशिप ट्रांसफर जैसी सेवाओं के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में बदलाव
RTO के नए नियमों के तहत ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को भी सरल और आधुनिक बनाया गया है। अब ड्राइविंग टेस्ट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। आप अब मान्यता प्राप्त प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल के माध्यम से टेस्ट देकर लाइसेंस बनवा सकते हैं। इन स्कूलों को मान्यता प्राप्त करने के लिए एक एकड़ जमीन और आधुनिक टेस्टिंग सुविधाओं की आवश्यकता होगी।
ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क
नए नियमों के तहत लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए ₹200 का शुल्क देना होगा। इंटरनेशनल लाइसेंस परमिट के लिए ₹1000 शुल्क निर्धारित किया गया है। परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए ₹200 शुल्क लिया जाएगा, जबकि रिन्यूअल फीस भी ₹200 तक होगी।
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क्या होगा इन नियमों का प्रभाव?
इन नए नियमों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है। जहां एक तरफ ये नियम गाड़ी चलाने वालों के लिए सख्त होंगे, वहीं दूसरी तरफ यह नियम सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को भी कम करने में मदद करेंगे। इन सख्त नियमों से सड़क पर गाड़ी चलाने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आएगा और सुरक्षा मानकों में भी वृद्धि होगी।