भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 2000 रुपए के नोटों को बदलने और जमा करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया पेश की है। यह पहल उन व्यक्तियों के लिए एक बड़ा राहत कदम है, जो अभी भी इन उच्च मूल्य वाले नोटों को छोटे मूल्यवर्ग में बदलने या अपने बैंक खातों में जमा करने का इरादा रखते हैं। इस प्रक्रिया को डाकघरों और बैंकों के माध्यम से सरल बनाया गया है, जिससे यह व्यापक जनता के लिए अधिक सुलभ और सुविधाजनक हो गया है।
2,000 रुपये के नोट की छपाई बंद
2,000 रुपये के नोट को नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण (Demonetization) के बाद पेश किया गया था। उस समय, 500 और 1,000 रुपये के नोटों के प्रचलन से हटने के कारण नकदी संकट उत्पन्न हुआ था। इसे तत्कालीन मुद्रा की कमी को दूर करने के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में लाया गया। हालांकि, जब छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में सुधार हुआ, तो वित्त वर्ष 2018-19 में 2000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी गई।
मई 2023 में, आरबीआई ने इन नोटों को धीरे-धीरे प्रचलन से हटाने का निर्णय लिया। लोगों को नोट बदलने या जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। इस पहल के परिणामस्वरूप, 7 अक्टूबर 2023 तक 98% से अधिक 2,000 रुपये के नोट वापस आ चुके थे।
डाकघरों के माध्यम से प्रक्रिया को आसान बनाया
डाकघरों के माध्यम से 2,000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा 9 अक्टूबर 2023 से लागू की गई। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो आरबीआई के कार्यालयों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य हर वर्ग के लोगों तक पहुंचना और उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि वे बिना किसी परेशानी के अपने नोट बदल सकें।
इस तरह बदले नोट को
- प्रक्रिया शुरू करने के लिए, आवेदक को आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध “फॉर्म-अन्य” डाउनलोड करना होगा। फॉर्म में आवश्यक विवरण भरने होंगे, जैसे नाम, पता, संपर्क विवरण, और बैंक खाता जानकारी।
- आवेदक को आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
- सरकारी पहचान पत्र (आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी)
- बैंक खाता विवरण (पासबुक का पहला पृष्ठ या हालिया बैंक स्टेटमेंट)
- फॉर्म और दस्तावेज के साथ 2,000 रुपये के नोट निकटतम डाकघर में जमा किए जा सकते हैं।
- डाकघर इन नोटों को आरबीआई के नामित 19 जारी करने वाले कार्यालयों में से एक को फॉर्वर्डे करेगा।
- नोटों के सफलतापूर्वक जांच के बाद, बदली गई राशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
2,000 रुपये के नोटों की जरूरत कम हो गई है
आरबीआई की इस पहल ने न केवल नकदी प्रबंधन को बेहतर बनाया है, बल्कि अर्थव्यवस्था में नकदी के अधिक कुशल प्रवाह को भी सुनिश्चित किया है। 2,000 रुपये के नोटों की वापसी से बड़े मूल्यवर्ग की नकदी की जरूरत कम हो गई, और यह लेन-देन को छोटे मूल्यवर्ग के नोटों में स्थानांतरित करने का एक कारगर प्रयास साबित हुआ।
बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने इस प्रक्रिया को जनता के लिए सरल और पारदर्शी बनाने की सराहना की। उनका कहना है कि डाकघरों और बैंकों के माध्यम से 2,000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा ने इसे सभी के लिए सुलभ बना दिया है।