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Indian Army Bharti: आर्मी में पंडित, मौलवी, पादरी, ग्रंथी की भी होती है भर्ती, जानें काम, सैलरी और चयन प्रक्रिया

भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षकों की भर्ती पंडित, मौलवी, ग्रंथी, पादरी और बौद्ध भिक्षु जैसे सभी धर्मों के लिए होती है। उनकी भूमिका जवानों के मनोबल को ऊंचा रखना और धार्मिक परंपराओं को सहेजना है। ₹35,400 से ₹1,12,400 तक की सैलरी और अन्य भत्ते इस पद को आकर्षक बनाते हैं। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट शामिल हैं।

By PMS News
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Indian Army Bharti: आर्मी में पंडित, मौलवी, पादरी, ग्रंथी की भी होती है भर्ती, जानें काम, सैलरी और चयन प्रक्रिया
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भारतीय सेना में हर साल सिपाही से लेकर ऑफिसर और अन्य विशिष्ट पदों पर भर्तियां आयोजित की जाती हैं। इनमें धार्मिक शिक्षकों (Religious Teachers) की भर्ती एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। धार्मिक शिक्षक, जो जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) रैंक के होते हैं, सेना में जवानों की धार्मिक परंपराओं का पालन सुनिश्चित करते हैं। पंडित, मौलवी, ग्रंथी, पादरी और बौद्ध भिक्षु जैसे सभी धर्मों के शिक्षकों की भर्तियां होती हैं।

धार्मिक शिक्षकों का महत्व

भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षकों की भूमिका केवल धर्म से जुड़ी नहीं होती, बल्कि वे सेना में एकता और अनुशासन को भी बढ़ावा देते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य जवानों के मनोबल को ऊंचा रखना और उनकी मानसिक शांति सुनिश्चित करना होता है। इनके मुख्य कार्यों में शामिल हैं:

  • धार्मिक कार्यों का आयोजन: रेजिमेंट और यूनिट में जवानों के धर्मानुसार प्रार्थनाएं और धार्मिक अनुष्ठान कराना।
  • जवानों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन: कठिन परिस्थितियों में उनके मनोबल को स्थिर रखने के लिए आध्यात्मिक परामर्श देना।
  • शपथ ग्रहण समारोह: भर्ती होने वाले जवानों को उनके धर्म के आधार पर शपथ दिलाना।

योग्यता और शैक्षिक मापदंड

धार्मिक शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित मापदंडों को पूरा करना होता है:

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  • आयु सीमा: 27 से 34 वर्ष।
  • शैक्षिक योग्यता:
    • पंडित और पंडित (गोरखा): संस्कृत में शास्त्री/आचार्य की डिग्री, जिसमें कर्मकांड मुख्य विषय रहा हो, या कर्मकांड में एक वर्ष का डिप्लोमा।
    • ग्रंथी: सिख धर्म के उम्मीदवार, पंजाबी में ज्ञानी के साथ किसी भी विषय में स्नातक।
    • मौलवी: मुस्लिम उम्मीदवार, स्नातक के साथ अरबी में आलिम या अदीब-ए-माहिर/उर्दू माहिर।
    • पादरी: ईसाई धर्म के उम्मीदवार, स्नातक के साथ चर्च द्वारा पीस्टहुड प्राप्त।
    • बौद्ध भिक्षु: बौद्ध धर्म के उम्मीदवार, स्नातक के साथ मठ के प्रमुख पुजारी से मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र।

शारीरिक मापदंड और चयन प्रक्रिया

धार्मिक शिक्षक बनने के लिए शारीरिक मापदंड और चयन प्रक्रिया सेना के अन्य पदों के समान ही कठोर है। चयन प्रक्रिया में तीन चरण शामिल हैं:

  1. लिखित परीक्षा (CEE): उम्मीदवार की धार्मिक और सामान्य ज्ञान पर आधारित परीक्षा।
  2. फिजिकल व मेडिकल टेस्ट: सेना के मानकों पर उम्मीदवार का परीक्षण।
  3. इंटरव्यू: अंतिम चरण में उम्मीदवार के आध्यात्मिक और नेतृत्व कौशल की जांच।

सैलरी और भत्ते

धार्मिक शिक्षक (JCO) को भारतीय सेना में पे स्केल ₹35,400-₹1,12,400 के अनुसार वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त, उन्हें कई प्रकार के भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं, जैसे महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता और चिकित्सा सुविधाएं।

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