
हरियाणा सरकार ने अलग-अलग सरकारी विभागों और बोर्डों में चपरासी जैसे ग्रुप डी के 7596 पदों पर भर्ती निकाली है। मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि इससे समाज में सबको बराबरी का मौका मिलेगा और राज्य के युवाओं को नौकरी मिलेगी। इस बार खास बात यह है कि जो गरीब अनुसूचित जाति और दूसरी अनुसूचित जाति के लोग हैं, उनके लिए 1209 नौकरियां रिज़र्व रखी गई हैं, जिसमें से 605 पद डीएससी के लिए और 604 पद ओएससी के लिए हैं।
किसे मिलेगा आरक्षण का लाभ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भर्ती में सिर्फ अनुसूचित जातियों को ही नहीं, बल्कि पिछड़ा वर्ग-A (BCA), पिछड़ा वर्ग-B (BCB), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), दिव्यांग (Divyang), खिलाड़ी और पूर्व सैनिक (Ex-Servicemen) को भी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसका मतलब है कि समाज के हर कोने से आने वाले युवाओं को इस भर्ती में भाग लेने का समान अवसर मिलेगा।
चयन प्रक्रिया कैसी होगी?
इस बार चयन पूरी तरह पारदर्शी (transparent) और मेरिट (merit)-आधारित होगा। सरकार ने साफ कहा है कि उम्मीदवारों का चयन सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) में मिले स्कोर के आधार पर किया जाएगा। यह परीक्षा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नौकरी उन्हीं को मिलेगी जो वास्तव में योग्य हैं।
आवेदन प्रक्रिया कैसी रहेगी?
सरकार ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, ताकि किसी को भी लाइन में लगने या दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत न पड़े। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इसे सुलभ, सुरक्षित और निष्पक्ष बनाया जाएगा। इससे हर युवा बिना किसी भेदभाव के आसानी से आवेदन कर सकेगा।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उनका मानना है कि अगर समाज के सबसे वंचित व्यक्ति को भी समान अवसर मिले, तभी असली विकास संभव है। यह भर्ती न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि समाज में समानता, समावेश और न्याय को भी मजबूत बनाएगी।
सरकार की सोच और लक्ष्य
यह भर्ती सिर्फ सरकारी पदों को भरने का काम नहीं है, बल्कि यह हरियाणा सरकार की उस सोच को दिखाता है जिसमें वह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना चाहती है। यह फैसला सरकार के ‘अंत्योदय’ यानी समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान की दिशा में एक ठोस कदम है।