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RBI का बड़ा एक्शन: SBI पर लगा जुर्माना, जानिए क्यों देश के सबसे बड़े बैंक को देना पड़ा भारी दंड

RBI ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और जन स्मॉल फाइनेंस बैंक पर नियामकीय गाइडलाइंस का पालन न करने के चलते जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य बैंकों में अनुपालन की मजबूती और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह ग्राहकों की जमा राशि पर असर नहीं डालता, बल्कि आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार की दिशा में एक सख्त संदेश है।

By PMS News
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RBI का बड़ा एक्शन: SBI पर लगा जुर्माना, जानिए क्यों देश के सबसे बड़े बैंक को देना पड़ा भारी दंड
RBI का बड़ा एक्शन

देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1,72,80,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक द्वारा लोन-Loan और एडवांस-Advance, ग्राहक संरक्षण-Customer Protection, अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन-Unauthorised Electronic Banking Transaction से जुड़ी कई प्रमुख गाइडलाइंस का पालन ठीक तरह से न करने के कारण लगाया गया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य बैंकों को यह संदेश देना है कि नियामकीय अनुपालन-Regulatory Compliance में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्या है मामला?

RBI की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि एसबीआई द्वारा कुछ अहम रेगुलेटरी निर्देशों की अवहेलना की गई है। इनमें ग्राहकों के लिए बनाए गए Customer Liability Guidelines का पालन न करना, चालू खाता-Current Account खोलने के नियमों का उल्लंघन, और लोन एवं एडवांस के वितरण में आवश्यक वैधानिक प्रतिबंध-Statutory Restrictions की अनदेखी शामिल हैं।

साथ ही, RBI ने जन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड-Jan Small Finance Bank Ltd पर भी बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949-Banking Regulation Act 1949 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन न करने पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ग्राहकों की राशि की सुरक्षा पर कोई सीधा असर नहीं डालता, बल्कि बैंकों की आंतरिक प्रक्रियाओं और अनुपालन व्यवस्था की खामियों को इंगित करता है।

आरबीआई का नियामकीय रवैया

RBI ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल नियामकीय दिशानिर्देशों के पालन में आई कमी को लेकर है। इसका ग्राहकों के साथ बैंकों के लेनदेन की वैधता या बैंक की समग्र वित्तीय स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह जुर्माना संकेत देता है कि नियामक संस्थाएं किसी भी स्तर पर लापरवाही को अनदेखा नहीं करेंगी, चाहे वह देश का सबसे बड़ा बैंक ही क्यों न हो।

यह कोई पहली घटना नहीं है जब रिजर्व बैंक ने किसी बैंक पर penalty लगाई हो। समय-समय पर RBI बैंकों की गतिविधियों पर नजर रखता है और जहां कहीं भी गड़बड़ी मिलती है, वहां सुधारात्मक कार्रवाई करता है। इसका उद्देश्य बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है।

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