मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में “राशन आपके द्वार” योजना की शुरुआत की है, जिससे अब लाभार्थियों को घर बैठे ही राशन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को सरकारी राशन की दुकानों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस योजना का उद्देश्य और लाभ
केंद्र सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना के तहत देश के गरीब लोगों को फ्री में राशन दिया जाता है। राज्य सरकार ने इस सुविधा को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए “राशन आपके द्वार” योजना का शुभारंभ किया है। योजना का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी को रोकने के साथ-साथ लोगों को राहत प्रदान करना है। इस योजना के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज घर-घर तक पहुंचाया जाएगा।
खासकर जनजातीय क्षेत्रों में होगी शुरुआत
मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि फिलहाल इस योजना को राज्य के जनजातीय विकास खंडों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। भविष्य में इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, जिससे सभी लोगों को घर बैठे राशन मिल सकेगा।
वृद्ध और जरूरतमंदों को मिलेगी विशेष सुविधा
मध्यप्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गांवों में वृद्ध और जरूरतमंद व्यक्तियों को राशन मिल सके, भले ही उनके अंगूठे का निशान न मिले। ऐसे व्यक्तियों के लिए नॉमिनी के माध्यम से राशन देने की व्यवस्था की गई है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए कारगर होगी, जिन्हें दुकान तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
दिल्ली में “घर-घर राशन योजना” की स्थिति
दिल्ली सरकार भी “घर-घर राशन योजना” लागू करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस योजना पर केंद्र सरकार ने पहले रोक लगाई थी, लेकिन अब इसे कुछ शर्तों के साथ हाईकोर्ट से मंजूरी मिल गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि योजना को जल्द ही लागू किया जाएगा, जिससे दिल्ली के 72 लाख राशन कार्ड धारक लाभान्वित होंगे।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का लाभ
दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली लागू है, जिससे लोग देश के किसी भी कोने में सरकारी राशन की दुकानों से अपना कोटा प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ खासकर उन लोगों को हो रहा है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में काम करने के लिए जाते हैं।
“राशन आपके द्वार” योजना का उद्देश्य लोगों को सुविधा प्रदान करना और सरकारी राशन वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है। मध्यप्रदेश में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है, और जल्द ही इसे पूरे राज्य में लागू करने की योजना है, जिससे लोगों को घर-घर राशन मिल सकेगा।