भारत सरकार गरीब और जरुरतमंद लोगों को सहूलियत देने के लिए लगातार नई योजनाएं लागू करती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है राशन कार्ड के जरिए सब्सिडी वाला अनाज उपलब्ध कराना। देश के लाखों परिवार, जिन्हें दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल होता है, इस योजना का लाभ उठाते हैं। अब, राशन कार्ड से जुड़े नियमों में एक जनवरी 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जो राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।
राशन कार्ड पर अनाज की नई व्यवस्था
सरकार ने राशन कार्ड के तहत मिलने वाले अनाज की मात्रा में बदलाव किया है। पहले जहां एक व्यक्ति को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं मिलता था, अब यह घटकर 2.5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं हो गया है। इसी तरह, अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के लिए भी बदलाव किया गया है। अब उन्हें 18 किलो चावल और 17 किलो गेहूं मिलेगा, जो पहले क्रमशः 21 किलो और 14 किलो था।
इस बदलाव का उद्देश्य पोषण और खाद्य सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है। चावल की मात्रा में कमी कर गेहूं की मात्रा बढ़ाई गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को उनके आहार में विविधता और बेहतर पोषण मिले।
ई-केवाईसी अनिवार्य
सरकार ने ई-केवाईसी (e-KYC) को भी राशन कार्ड धारकों के लिए अनिवार्य कर दिया है। यदि किसी व्यक्ति ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो एक जनवरी 2025 से उसका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे व्यक्ति को न तो मुफ्त राशन मिलेगा और न ही सब्सिडी वाले दर पर राशन प्राप्त होगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य है कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचे, जो वास्तव में इसके हकदार हैं।