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रक्षाबंधन 2025 में कब है राखी? जानें तारीख, समय और राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त Raksha Bandhan Kab Hai

Raksha Bandhan 2025 में राखी बांधने का शुभ समय, त्योहार की तारीख और इसके पीछे छिपी ऐतिहासिक कहानियां जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान! पढ़ें पूरा लेख और जानें कैसे इस साल रक्षाबंधन बनेगा और भी खास।

By PMS News
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रक्षाबंधन 2025 में कब है राखी? जानें तारीख, समय और राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त Raksha Bandhan Kab Hai
रक्षाबंधन 2025 में कब है राखी? जानें तारीख, समय और राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त Raksha Bandhan Kab Hai

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए राखी बांधती हैं और भाई उन्हें जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं। Raksha Bandhan 2025 में यह पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल सावन मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है, और इस बार यह पर्व विशेष संयोगों के साथ आ रहा है।

Raksha Bandhan 2025: जानें कब है रक्षाबंधन

Raksha Bandhan 2025 में यह पवित्र त्योहार सोमवार, 11 अगस्त को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन सावन मास की पूर्णिमा तिथि होगी, जो कि रक्षाबंधन के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस बार रक्षाबंधन ऐसे समय पर पड़ रहा है जब चंद्र ग्रहण या भद्रा जैसी कोई अशुभ योग नहीं बन रहे हैं, जिससे यह दिन राखी बांधने के लिए पूरी तरह शुभ है।

शुभ मुहूर्त में राखी बांधना क्यों है जरूरी?

रक्षाबंधन पर राखी बांधने का कार्य विशेष मुहूर्त में किया जाता है, क्योंकि यह समय शुभता और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। 2025 में Raksha Bandhan पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:15 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक रहेगा। इस अवधि में बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं और तिलक कर उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना कर सकती हैं।

रक्षाबंधन का पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व

Raksha Bandhan का उल्लेख हमारे धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में भी मिलता है। माना जाता है कि जब भगवान इंद्र असुरों से युद्ध कर रहे थे, तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनके हाथ में रक्षा-सूत्र बांधा था, जिससे वे विजयी हुए। इसी प्रकार, महाभारत में द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की कलाई में कपड़े की पट्टी बांध दी थी, जिसे उन्होंने राखी के रूप में स्वीकार कर जीवन भर उसकी रक्षा का वचन दिया।

रक्षाबंधन केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं है। यह पर्व उस विश्वास और रक्षा के भाव को भी दर्शाता है जो किसी भी रिश्ते में हो सकता है—चाहे वह गुरु-शिष्य हो, मित्रता हो या राष्ट्र और नागरिक के बीच का रिश्ता।

आधुनिक समय में रक्षाबंधन का बदला स्वरूप

आज के दौर में Raksha Bandhan का स्वरूप काफी बदल चुका है। पहले जहां बहनें अपने भाइयों को राखी भेजने के लिए डाक या कोरियर का सहारा लेती थीं, अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के माध्यम से राखियों की खरीद और डिलीवरी संभव हो गई है। इसके साथ ही अब यह पर्व सिर्फ खून के रिश्तों तक सीमित नहीं रह गया है। रक्षाबंधन अब राखी भाई को नहीं, किसी ऐसे व्यक्ति को भी बांधी जाती है जिसने जीवन में सुरक्षा और सम्मान दिया हो।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रक्षाबंधन

इस वर्ष Raksha Bandhan 2025 में एक नया ट्रेंड देखने को मिल सकता है—Eco-friendly Rakhi का। यह रक्षाबंधन पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेने का भी अच्छा अवसर है। कई संगठन और युवा अब बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनी राखियों का उपयोग कर रहे हैं ताकि यह पर्व सिर्फ भावनात्मक न होकर, पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक हो।

रक्षा बंधन और भारतीय अर्थव्यवस्था

Raksha Bandhan जैसे त्योहार भारतीय बाजारों को भी नया जीवन देते हैं। इस समय FMCG कंपनियों, गिफ्ट आइटम्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, और ज्वेलरी ब्रांड्स की बिक्री में जबरदस्त उछाल आता है। IPO की दुनिया में भी त्योहारों के आसपास कंपनियाँ अपना डेब्यू करने की योजना बनाती हैं ताकि उपभोक्ताओं की उत्सव कालीन भावनाओं का लाभ उठाया जा सके।

रक्षा बंधन 2025: पारिवारिक एकता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक

Raksha Bandhan सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि परिवार में प्रेम, एकता और सामंजस्य का प्रतीक है। यह दिन हमें रिश्तों को संजोने और निभाने की प्रेरणा देता है। भाई-बहन के रिश्ते में चाहे कितना भी तकरार क्यों न हो, रक्षाबंधन पर दोनों एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और जिम्मेदारी को दोहराते हैं।

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