
हरियाणा सरकार द्वारा बेटियों के कल्याण और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई लाड़ो योजना आज ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को उनकी बेटी के जन्म से लेकर विवाह तक विभिन्न चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसका कुल लाभ ₹1.5 लाख तक पहुंच सकता है। यह योजना बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है।
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लाड़ो योजना क्या है?
लाड़ो योजना हरियाणा सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य में बेटियों की स्थिति में सुधार लाना है। यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए बनाई गई है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आते हैं। योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक सरकार की ओर से आर्थिक सहायता चरणबद्ध तरीके से दी जाती है।
यह योजना न केवल आर्थिक सहारा देती है, बल्कि समाज में बेटी के महत्व को बढ़ावा देने का भी कार्य करती है। सरकार का उद्देश्य है कि बेटियों को बोझ न समझा जाए, बल्कि उन्हें शिक्षित और सशक्त नागरिक के रूप में देखा जाए।
लाभ की संरचना
लाड़ो योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा ₹1.5 लाख तक की सहायता दी जाती है। यह सहायता विभिन्न चरणों में दी जाती है:
- बेटी के जन्म पर एकमुश्त राशि
- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के दौरान स्कॉलरशिप
- 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर अंतिम किश्त
इस धनराशि का प्रयोग बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य और विवाह संबंधी खर्चों में किया जा सकता है। अंतिम किश्त केवल तभी दी जाती है जब बेटी की शादी 18 वर्ष की आयु के बाद हो और उसने कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की हो।
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पात्रता मानदंड
लाड़ो योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- लाभार्थी हरियाणा राज्य का मूल निवासी हो।
- योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले परिवारों के लिए है।
- बेटी के जन्म के समय परिवार को योजना में पंजीकृत होना चाहिए।
- अधिकतम दो बेटियों तक इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।
- बेटी की उम्र योजना के आवेदन के समय 0 से 5 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
लाड़ो योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है:
- सबसे पहले स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र या बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) के कार्यालय में संपर्क करें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे परिवार पहचान पत्र, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का पहचान पत्र, और आय प्रमाण पत्र जमा करें।
- अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र की समीक्षा के बाद पंजीकरण किया जाएगा।
- प्रत्येक चरण में लाभ पाने के लिए निर्धारित आयु और शैक्षणिक मापदंडों की पुष्टि करनी होती है।
- आवेदन की स्थिति की जानकारी हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है।
योजना का उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव
लाड़ो योजना का प्रमुख उद्देश्य राज्य में बेटियों की घटती संख्या को नियंत्रित करना, बाल विवाह को रोकना, और बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना समाज में जेंडर इक्वालिटी को मजबूती देने का कार्य कर रही है।
योजना के जरिए सरकार यह संदेश दे रही है कि बेटियां परिवार की शान हैं और उन्हें शिक्षा व सम्मान का अधिकार है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले वर्षों में योजना से लाभान्वित होने वाली बेटियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है, जिससे योजना की सफलता का अनुमान लगाया जा सकता है।
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सरकारी बजट और निगरानी व्यवस्था
हरियाणा सरकार हर वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए अलग बजट निर्धारित करती है। इसके साथ ही योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए ज़िला स्तर पर समिति बनाई गई है जो यह सुनिश्चित करती है कि लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे।
सरकार डिजिटल माध्यम से भी इस योजना की निगरानी कर रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और कोई भ्रष्टाचार की गुंजाइश न हो।
योजना से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज
लाड़ो योजना का लाभ उठाने के लिए निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं:
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता का पहचान पत्र (आधार कार्ड/वोटर आईडी)
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- परिवार पहचान पत्र (PPP ID)