कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पुणे की एक अदालत ने विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में समन जारी किया है। अदालत ने उन्हें 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। यह मामला हिंदुत्व विचारक सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि की शिकायत से जुड़ा है। सत्यकी सावरकर का आरोप है कि राहुल गांधी ने सावरकर पर एक विवादास्पद और असत्य कथन किया था, जिससे सावरकर की छवि धूमिल हुई है।
क्या है पूरा मामला
सत्यकी सावरकर ने पुणे की अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण के दौरान कहा था कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की और इसे खुशी का क्षण बताया। सत्यकी सावरकर का कहना है कि सावरकर ने ऐसा कोई बयान अपनी किसी किताब में नहीं दिया है और राहुल गांधी का यह दावा पूरी तरह से झूठा और मानहानिकारक है।
पुलिस की जांच और अदालत का निर्देश
शिकायत दर्ज होने के बाद अदालत ने पुणे पुलिस को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था। पुलिस की रिपोर्ट में आरोपों में प्रथम दृष्टया सच्चाई पाई गई। इसके बाद, एमपी/एमएलए मामलों की विशेष अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, समन प्राप्त न होने की जानकारी के कारण राहुल गांधी उस दिन अदालत में पेश नहीं हो सके।
याचिकाकर्ता के वकील संग्राम कोल्हटकर ने अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ नया समन जारी करने का अनुरोध किया। इसके बाद, अदालत ने राहुल गांधी को 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
क्या है विवादित टिप्पणी का आधार
राहुल गांधी ने अपने भाषण में दावा किया था कि सावरकर ने एक किताब में मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई करने का उल्लेख किया है। सत्यकी सावरकर का कहना है कि यह बयान पूरी तरह गलत और अपमानजनक है, जो सावरकर की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।
सावरकर परिवार का पक्ष
सावरकर परिवार इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है। उनका कहना है कि विनायक दामोदर सावरकर की छवि को बार-बार राजनीति के लिए निशाना बनाया जाता है, जो गलत है। परिवार ने इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।
क्या इस मामले में राहुल गांधी को जेल हो सकती है?
राहुल गांधी के खिलाफ सावरकर मानहानि मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो मानहानि से संबंधित है। इस धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर अधिकतम दो वर्ष की कारावास, जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। इसका अर्थ है कि यदि अदालत में राहुल गांधी दोषी सिद्ध होते हैं, तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है। हालांकि, सजा की अवधि और प्रकार अदालत के विवेक पर निर्भर करेगा, जो मामले की परिस्थितियों और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेगी।