पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं, और इस दिन चंद्रमा अपने पूरे प्रकाश में होता है। यह दिन दान, व्रत, और पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ होता है। साल 2025 में, हर महीने की पूर्णिमा तिथि का अपना अलग महत्व और समय है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता है।
Purnima 2025 List
- पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी 2025, सोमवार
- माघ पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025, बुधवार
- फाल्गुन पूर्णिमा: 14 मार्च 2025, शुक्रवार
- चैत्र पूर्णिमा: 12 अप्रैल 2025, शनिवार
- वैशाख पूर्णिमा: 12 मई 2025, सोमवार
- ज्येष्ठ पूर्णिमा: 11 जून 2025, बुधवार
- आषाढ़ पूर्णिमा: 10 जुलाई 2025, गुरुवार
- श्रावण पूर्णिमा: 9 अगस्त 2025, शनिवार
- भाद्रपद पूर्णिमा: 7 सितंबर 2025, रविवार
- आश्विन पूर्णिमा: 7 अक्टूबर 2025, मंगलवार
- कार्तिक पूर्णिमा: 5 नवंबर 2025, बुधवार
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा: 4 दिसंबर 2025, गुरुवार
पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा तिथि का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। पूजा के दौरान यदि विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण और धार्मिक अनुष्ठान किए जाएं, तो घर में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि आती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों को उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूर्णिमा का दिन ध्यान और साधना के लिए भी उपयुक्त है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्मों का व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
पूर्णिमा के दिन क्या करें?
पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य करना शुभ माना जाता है।
- दान: अन्न, वस्त्र, धन, और गोदान का इस दिन अत्यधिक महत्व है।
- ध्यान: इस दिन ध्यान और साधना करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
- स्नान: पवित्र नदियों में स्नान करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
- व्रत: पूर्णिमा व्रत रखने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है।