उत्तराखंड सरकार ने 23 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। इस दिन राज्य में नगर निकाय चुनावों के लिए मतदान होना है। राज्य के सभी निकाय क्षेत्रों में चुनाव की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। गली-मोहल्लों में प्रत्याशियों द्वारा जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है, जहां हर उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस दिन निकाय क्षेत्रों के सभी सरकारी कार्यालयों, निगमों, और शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। साथ ही, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों, कारीगरों और मजदूरों को भी अवकाश दिया जाएगा।
100% मतदान के लिए निर्वाचन विभाग की कोशिशें
निर्वाचन विभाग ने 23 जनवरी को होने वाले नगर निकाय चुनावों के लिए शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाताओं को मतदान का महत्व समझाने और उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मतदाता जागरूकता अभियानों में नुक्कड़ नाटक, रैलियां, और सोशल मीडिया कैंपेन शामिल किए गए हैं। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में भाग लें और अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चयन करें।
प्रत्याशियों की चुनावी तैयारियां और आंकड़े
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 दिसंबर को संपन्न हुई। इन चुनावों में हजारों प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। नगर निगम के लिए 103, पार्षद पद के लिए 2325, पालिकाध्यक्ष के लिए 284, सभासद के लिए 1922, अध्यक्ष नगर पंचायत के लिए 295 और नगर पंचायत सदस्य पद के लिए 1567 नामांकन भरे गए हैं।
चुनावी मैदान में प्रत्याशियों ने प्रचार के लिए हर संभव रणनीति अपनाई है। क्षेत्रीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गली-गली में बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं और रैलियां निकाली जा रही हैं।
अवकाश के आदेश और जनता के लिए राहत
सरकार द्वारा 23 जनवरी को घोषित अवकाश ने सरकारी कर्मचारियों और छात्रों के साथ-साथ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को राहत दी है। स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान इस दिन बंद रहेंगे।
इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत मजदूरों और कर्मचारियों को भी इस दिन छुट्टी मिलेगी, जिससे वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। सरकार का यह कदम राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
चुनाव प्रचार में तेज़ी और मतदान का महत्व
चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। प्रत्याशी मतदाताओं से जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का वादा कर रहे हैं। मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि उनके एक वोट का कितना महत्व है।
मतदान केवल एक अधिकार नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य भी है। निर्वाचन विभाग का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति इस कर्तव्य को निभाने के लिए प्रेरित हो।