2024 का प्रॉपर्टी बाजार कई जगहों पर नए शिखर पर पहुंचा। मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर जैसे शहरों में संपत्ति की कीमतें दोगुनी-तिगुनी हो गईं। लेकिन जब हम सैन फ्रांसिस्को की बात करते हैं, तो कहानी बिल्कुल उलट है। अमेरिका की यह गोल्डन सिटी, जहां कभी प्रॉपर्टी का हर इंच सोने के बराबर था, आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी के दामों में इतनी बड़ी गिरावट आई है कि 9 करोड़ रुपए का घर महज 5 करोड़ रुपए में बिक रहा है।
यह केवल एक अपवाद नहीं है, बल्कि यह गिरावट व्यापक आर्थिक और सामाजिक बदलावों का परिणाम है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ और इसके पीछे कौन-कौन से कारक जिम्मेदार हैं।
अमेरिका की गोल्डन सिटी का प्रॉपर्टी बाजार
सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका का ऐसा शहर है जिसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के गढ़ के रूप में जाना जाता है। यह सिलिकॉन वैली के करीब होने के कारण बड़े टेक सेक्टर का केंद्र रहा है। यहां के आलीशान घर, ऊंची-ऊंची इमारतें और प्रीमियम लोकेशन्स ने इसे ग्लोबल रियल एस्टेट मार्केट में अलग पहचान दी थी।
2015 से पहले, सैन फ्रांसिस्को में संपत्ति की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं। शहर में निवेशकों की लंबी कतारें थीं और हर कोई यहां घर खरीदने का सपना देखता था। लेकिन 2020 के बाद, खासकर कोरोना महामारी के दौरान, इस शहर की चमक फीकी पड़ने लगी।
प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट
सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट के पीछे कई बड़े कारण छिपे हुए हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
1. टेक सेक्टर में लेऑफ और बेरोजगारी का संकट
सैन फ्रांसिस्को टेक इंडस्ट्री का केंद्र है। लेकिन महामारी के बाद से, बड़े पैमाने पर छंटनी (लेऑफ) ने यहां के लोगों की जिंदगी बदल दी। Google, Meta, Amazon, और अन्य दिग्गज कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला।
- छंटनी का असर:
जब लोग नौकरी गंवाते हैं, तो उनका पहला कदम खर्चों को कम करना होता है। संपत्ति बेचकर सस्ते शहरों में जाना सैन फ्रांसिस्को के निवासियों के लिए आम हो गया। - टेक हब का संकट:
बड़े टेक कंपनियों की छंटनी और ऑफिस बंद होने के कारण प्रॉपर्टी की मांग तेजी से कम हुई।
2. वर्क फ्रॉम होम का ट्रेंड
कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम ने नई जीवनशैली को जन्म दिया। लोग अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में जाकर रहना पसंद कर रहे हैं।
- शहर छोड़ने की प्रवृत्ति:
सैन फ्रांसिस्को जैसे महंगे शहरों में रहना अब आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रहा। लोगों ने सस्ती लोकेशन्स की तरफ रुख करना शुरू कर दिया।
3. सामाजिक बदलाव और आर्थिक अस्थिरता
महामारी के बाद से, सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बदल गया है। एक समय का सबसे महंगा रियल एस्टेट मार्केट अब 2015 के स्तर पर आ गया है।
- निवेशकों की कमी:
जहां पहले निवेशक बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी खरीदते थे, अब वे सतर्क हो गए हैं। - सामाजिक अस्थिरता:
बढ़ती बेरोजगारी और महंगे जीवन स्तर ने सैन फ्रांसिस्को की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
क्या यह खरीदने का सही समय है?
प्रॉपर्टी रेट्स की गिरावट निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। 9 करोड़ का घर अगर 5 करोड़ में मिल रहा है, तो यह निश्चित रूप से आकर्षक है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि गिरावट का यह दौर कब तक चलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप दीर्घकालिक निवेश करना चाहते हैं, तो यह सही समय हो सकता है। लेकिन अल्पकालिक लाभ की उम्मीद न करें। बाजार की अस्थिरता को देखते हुए हर कदम सावधानी से उठाना होगा।