भारत में आवास के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मोदी सरकार ने हाल ही में एक ऐतिहासिक लक्ष्य रखा है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में देशभर में 1 करोड़ किफायती मकान बनाए जाएंगे। यह मकान सस्ते और किफायती दरों पर बेचे जाएंगे, जिससे हर भारतीय नागरिक को अपना घर खरीदने का अवसर मिलेगा। इस योजना को लेकर आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक (सबके लिए आवास) कुलदीप नारायण ने अपनी बात साझा की है।
नारायण ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में सरकार ने 90 लाख किफायती घरों का निर्माण किया है, जो कि उससे पहले के दशक में बनाए गए मकानों की संख्या से 10 गुना अधिक है। उनका अगला लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ मकानों का निर्माण कर देश के हर नागरिक को आवास उपलब्ध कराया जाए। इस पहल का उद्देश्य न केवल गरीब और मिडल क्लास परिवारों को अपना घर दिलाना है, बल्कि शहरीकरण की गति को भी तेज करना है।
20 साल तक तेज विकास दर का अनुमान
कुलदीप नारायण ने यह भी बताया कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले 20 वर्षों में औसतन 7 से 8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इस वृद्धि के साथ बुनियादी ढांचे और नए शहरों के निर्माण की जरूरत बढ़ेगी। देश के विभिन्न हिस्सों में स्मार्ट सिटी, नये शहरी क्षेत्र, और पर्यावरण-अनुकूल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस योजना के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों की योजना बनाई है।
यूएई से सीखने की आवश्यकता
कुलदीप नारायण ने अपने भाषण में यूएई जैसे देशों से सीखने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि यूएई ने पर्यावरण-अनुकूल और समावेशी शहरी विकास की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है, जिसे भारत में भी अपनाना चाहिए। यह सबक भारत को न केवल पर्यावरण की रक्षा में मदद करेगा, बल्कि समग्र शहरी विकास को भी भविष्य के लिए तैयार करेगा। यूएई के साथ साझेदारी बढ़ाकर भारत में नवोन्मेषी शहरी विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
रियल एस्टेट का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान
रियल एस्टेट क्षेत्र का भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान फिलहाल 7 प्रतिशत है। हालांकि, नीति आयोग के अनुसार, यदि भारत अपनी 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करता है, तो इस क्षेत्र का योगदान 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस वृद्धि से रोजगार सृजन, निवेश में वृद्धि और 270 सहायक उद्योगों में सकारात्मक असर पड़ेगा। ऐसे में रियल एस्टेट क्षेत्र को प्राथमिकता देने से ना सिर्फ नागरिकों को किफायती मकान मिलेंगे, बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।