भारत में बचत और निवेश के लिए पोस्ट ऑफिस की योजनाएं एक प्रमुख विकल्प रही हैं, और इन योजनाओं का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये बेहद सुरक्षित और विश्वसनीय होती हैं। सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण, इन योजनाओं में निवेशकों को एक स्थिर और सुरक्षित रिटर्न मिलता है। आज हम आपको एक ऐसी ही पोस्ट ऑफिस की योजना के बारे में बताएंगे, जिसे ‘पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम’ या POMIS कहा जाता है। यह योजना उन निवेशकों के लिए आदर्श है, जो नियमित रूप से मासिक आय चाहते हैं और साथ ही अपने निवेश को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहते हैं।
क्या है पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS)?
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) एक सरकारी बचत योजना है जो निवेशकों को हर महीने ब्याज के रूप में नियमित आय देती है। यह योजना खासकर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो रिटायरमेंट के बाद या अन्य किसी कारण से अपनी आय का स्रोत बनाना चाहते हैं। इस योजना में आपको 5 साल के लिए अपनी राशि जमा करनी होती है, और इस अवधि के दौरान आपको हर महीने ब्याज के रूप में रिटर्न मिलता है। 5 साल बाद आपकी राशि परिपक्व हो जाती है, और आप उस राशि का पुनः निवेश कर सकते हैं। यह योजना सिंगल और जॉइंट दोनों प्रकार के खातों के लिए उपलब्ध है।
निवेश की राशि और ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में निवेश की शुरुआत ₹1000 से की जा सकती है, जो कि एक बहुत ही सुलभ राशि है। अधिकतम निवेश की सीमा सिंगल अकाउंट के लिए ₹9 लाख और जॉइंट अकाउंट के लिए ₹15 लाख है। इस पर मिलने वाली ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। वर्तमान में (सितंबर 2023 तक) इस योजना पर 7.4% का वार्षिक ब्याज मिल रहा है। इस ब्याज दर के तहत, आप अपनी जमा राशि पर हर महीने एक निश्चित राशि का ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
कितना ब्याज मिलेगा निवेश पर?
अगर आप पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में जॉइंट अकाउंट खोलते हैं और ₹15 लाख का निवेश करते हैं, तो आपको हर महीने ₹9,250 का ब्याज मिलेगा। इस तरह से एक साल में आपको ₹1,11,000 तक की कमाई हो सकती है। और पांच साल की अवधि में आपकी कुल कमाई ₹5,55,000 तक हो सकती है।
अगर आप सिंगल अकाउंट खोलकर ₹9 लाख का निवेश करते हैं, तो आपको हर महीने ₹5,500 का ब्याज मिलेगा। इस हिसाब से आपको एक साल में ₹66,600 और पांच साल में ₹3,33,000 का ब्याज मिलेगा। इस तरह से इस योजना के जरिए आप हर महीने एक नियमित आय का स्रोत बना सकते हैं, जो आपके रिटायरमेंट के बाद काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।