उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब किसानों को अपनी फार्मर रजिस्ट्री पूरी करानी होगी, जो एग्री स्टैक के सहयोग से सुनिश्चित की जा रही है। सरकार का यह प्रयास किसानों को पारदर्शी और सुविधाजनक तरीके से योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया गया है।
यदि कोई किसान 31 दिसंबर 2024 तक अपनी रजिस्ट्री नहीं कराता है, तो उसकी किसान निधि की राशि रोक दी जाएगी। इस लेख में हम फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया, इसके लाभ, नुकसान, और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे।
फार्मर रजिस्ट्री कैसे की जा सकती है?
फार्मर रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया बेहद सरल और डिजिटल है। इसे पूरा करने के लिए किसानों को सिर्फ अपने आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। रजिस्ट्री के लिए सरकार ने कई विकल्प प्रदान किए हैं, ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।
- किसान https://upfr.agristack.gov.in वेबसाइट पर जाकर स्वयं रजिस्ट्री कर सकते हैं। पोर्टल पर सरल और उपयोगकर्ता अनुकूल इंटरफेस है, जहां किसान अपनी जानकारी भरकर आसानी से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- सरकार ने “Farmer Registry UP” नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप को किसान अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं और वहां से फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- यदि किसी किसान को ऑनलाइन या ऐप के माध्यम से रजिस्ट्री करने में परेशानी हो रही है, तो वह अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र (CSC) पर जाकर सहायता ले सकता है। यहां पर प्रशिक्षित कर्मचारी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में मदद करेंगे।
- फार्मर रजिस्ट्री के दौरान किसानों की पहचान सत्यापित करने के लिए OTP (वन टाइम पासवर्ड) या फेस आईडी का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल तेज़ है, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी है।
फार्मर रजिस्ट्री कराने के लाभ
फार्मर रजिस्ट्री पूरी करने के बाद किसानों को कई तरह के महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने और उनकी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
- पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा, जिन्होंने अपनी फार्मर रजिस्ट्री पूरी कर ली है।
- यदि फसल खराब होती है या प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है, तो रजिस्टर्ड किसानों को फसल बीमा और राहत राशि का लाभ तुरंत मिल सकेगा।
- रजिस्ट्री कराने के बाद किसान बीज, खाद, और कृषि उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी का सीधा लाभ उठा सकते हैं। यह उनके कृषि कार्य को किफायती और उत्पादक बनाता है।
- रजिस्टर्ड किसानों को बैंक से ऋण प्राप्त करने में आसानी होती है। साथ ही, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड पर विशेष छूट भी मिलती है।
- फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से किसानों की पहचान और उनकी जमीन का पूरा डेटा डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेगा। इससे योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचता है।
फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य
फार्मर रजिस्ट्री के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों और उनकी जमीनों के डेटा को डिजिटल रूप में संरक्षित करना और सभी योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करना है।
1. जमीन की पारदर्शिता
इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसके पास कितनी जमीन है। इससे भूमि संबंधी धोखाधड़ी और गड़बड़ियों पर रोक लगाई जा सकेगी।
2. धोखाधड़ी पर नियंत्रण
जमीनों के फर्जी दस्तावेज़ और लेनदेन में होने वाली गड़बड़ियों को कम करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
3. डिजिटल डेटा का निर्माण
किसानों और उनकी जमीनों का डिजिटल डेटा तैयार करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे।
रजिस्ट्री न कराने पर नुकसान
यदि कोई किसान 31 दिसंबर 2024 तक अपनी फार्मर रजिस्ट्री पूरी नहीं कराता है, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- पीएम किसान योजना की अगली किस्त केवल रजिस्टर्ड किसानों के खाते में आएगी।
- फसल खराब होने या आपदा के समय सहायता प्राप्त करने में मुश्किल होगी।
- बीज, खाद और उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।
- बैंक लोन और किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा।
रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने के सरकारी प्रयास
सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक आसान और सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- ऑनलाइन पोर्टल और ऐप: किसान पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से घर बैठे रजिस्ट्री कर सकते हैं।
- जनसेवा केंद्र की सुविधा: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की मदद के लिए जनसेवा केंद्रों पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है।
- डेटा सुरक्षा: रजिस्ट्री के दौरान दी गई सभी जानकारी डिजिटल रूप में संग्रहीत और सुरक्षित रहती है।