पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स के कारण इन फ्यूल्स की कीमतें बहुत अधिक हो जाती हैं। इन पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी, वैट और डीलर कमीशन जैसे शुल्क पेट्रोल-डीजल की वास्तविक कीमत को बढ़ा देते हैं। इसलिए क्या आप जानते हैं, कि पेट्रोल पंप (Petrol Pump) डीलर को पेट्रोल कितने में मिलता है और इन शुल्कों के बाद ग्राहक को इसे कितने में खरीदना पड़ता है? आइए जानते हैं, इस लेख में कि दिल्ली में 96.72 रुपये प्रति लीटर मिलने वाले पेट्रोल की असली कीमत क्या है, और इसमें शामिल टैक्स व अन्य चार्जेस कितने होते हैं।

भारत में पेट्रोल और डीजल पर मुख्य रूप से चार प्रकार के शुल्क लागू होते हैं। सबसे पहले, केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी वसूल करती है, और राज्य सरकारें इन पर वैट (Value Added Tax) वसूल करती हैं। इसके अलावा, पेट्रोल डीलर कमीशन और अन्य चार्जेस भी शामिल होते हैं, जो फ्यूल की कीमत को और अधिक बढ़ा देते हैं। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर होती है, लेकिन यह टैक्स, डीलर कमीशन और अन्य शुल्कों के कारण इतना महंगा हो जाता है।
मार्किट में पेट्रोल की वास्तविक कीमत
दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इस कीमत में शामिल टैक्स और अन्य शुल्कों का कितना योगदान है? पेट्रोल डीलर को पेट्रोल 55.66 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिलता है। यह वह कीमत है, जिस पर पेट्रोल डीलर्स को पेट्रोल मिलता है, लेकिन जब इसमें केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी, राज्य सरकार का वैट, डीलर कमीशन और अन्य चार्जेस जोड़ते हैं, तो पेट्रोल की खुदरा कीमत बढ़कर 94.72 रुपये प्रति लीटर हो जाती है।
इन टैक्सों के अलावा, पेट्रोल पर क्रूड ऑयल की लागत भी एक महत्वपूर्ण घटक है। वर्तमान में क्रूड ऑयल की कीमत 40 रुपये प्रति लीटर है, और इसके अलावा तेल कंपनियां 5.66 रुपये प्रति लीटर प्रोसेसिंग चार्ज लगाती हैं। इसके साथ ही बफर इंफ्लेशन का असर भी होता है, जो 10 रुपये प्रति लीटर होता है। इस प्रकार, पेट्रोल डीलर्स को 55.66 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोल मिलता है।
पेट्रोल पर टैक्स और चार्जेस की संरचना
पेट्रोल पर टैक्स और अन्य चार्जेस मार्किट प्राइस के हिसाब से काफी महंगे होते हैं, केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर लगाई गई एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये प्रति लीटर होती है। इसके बाद, राज्य सरकारों द्वारा वसूला जाने वाला वैट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो दिल्ली में 15.39 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से होता है। इसके अलावा, पेट्रोल डीलर को पेट्रोल पर 3.77 रुपये प्रति लीटर का कमीशन भी मिलता है। इन सभी शुल्कों के बाद, पेट्रोल की खुदरा कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर हो जाती है।
टैक्स और कमीशन के बिना पेट्रोल की कीमत
अगर इन सभी टैक्सों और कमीशन को हटा दिया जाए, तो पेट्रोल की वास्तविक कीमत केवल 55.66 रुपये प्रति लीटर होती है। यह वह कीमत है, जिस पर पेट्रोल डीलर्स को पेट्रोल मिलता है। हालांकि, इन शुल्कों की वजह से पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है, और यह ग्राहकों के लिए महंगा हो जाता है।
राज्य सरकारों के वैट की भूमिका
राज्य सरकारों का वैट पेट्रोल-डीजल की कीमत में एक अहम भूमिका निभाता है। विभिन्न राज्यों में वैट की दरें अलग-अलग होती हैं, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी राज्यों में अलग-अलग होती हैं। कुछ राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा होती हैं, जबकि कुछ राज्यों में यह थोड़ी सस्ती होती हैं। इसलिए, यदि आप किसी अन्य राज्य में यात्रा करते हैं, तो पेट्रोल की कीमत में फर्क देख सकते हैं।