जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड में बैंकों के बाहर इन दिनों लोगों की भीड़ दिन-रात लगी हुई है। कड़ाके की ठंड के बावजूद महिलाएं, बुजुर्ग और युवा बैंक के बाहर खुले में सोने को मजबूर हैं। वजह है केवाईसी (KYC) अपडेट करवाना, ताकि मैया सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना के तहत उनके खातों में राशि ट्रांसफर हो सके। एसबीआई (SBI) की इस शाखा में एक दिन में मात्र पचास केवाईसी ही अपडेट हो पाते हैं, जिसके चलते लोग अपनी बारी सुनिश्चित करने के लिए रात से ही बैंक के बाहर डेरा जमा लेते हैं।
केवाईसी अपडेट के लिए संघर्ष
इस इलाके में मैया सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना के लाभार्थियों को बैंक केवाईसी (Know Your Customer) पूरी करवाने का निर्देश दे रहा है। ये योजनाएं जरूरतमंदों के खातों में आर्थिक सहायता भेजने के लिए चलाई जा रही हैं। समस्या तब गंभीर हो जाती है जब बैंक की सीमित क्षमता के कारण सिर्फ 50 लोगों का ही केवाईसी एक दिन में हो पाता है। ऐसे में लोग रात से ही लाइन लगाते हैं ताकि वे अगले दिन पहले नंबर पर आ सकें।
ठंड के मौसम में, जब तापमान 10 डिग्री से नीचे गिर चुका है, इस तरह का रातभर खुले में इंतजार न केवल मुश्किल है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। महिलाएं, बुजुर्ग और नौजवान एक साथ खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हैं।
बैंक मैनेजर का पक्ष
जब इस संबंध में बैंक के शाखा प्रबंधक दिवाकर प्रसाद से बात की गई, तो उन्होंने स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया। उन्होंने कहा कि बैंक ने लोगों को रात को बैंक परिसर में ठहरने से मना किया है और बाकायदा नोटिस लगाकर सूचित भी किया गया है। फिर भी लोग नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं। बैंक बंद होने के बाद ही लोग वहां आना शुरू कर देते हैं और पूरी रात बाहर रहते हैं।
बैंक मैनेजर ने आगे बताया कि समस्या के समाधान के लिए दूसरी तरकीबों पर विचार किया जा रहा है। उनका प्रयास है कि केवाईसी प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित तरीके से पूरा किया जाए, ताकि किसी को रात में ठहरने की जरूरत न पड़े और कोई अनहोनी न हो।
ठंड के कारण स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर
रातभर ठंड में बैंक के बाहर ठहरना न केवल असुविधाजनक है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह स्थिति और भी घातक साबित हो सकती है। ठंड के कारण निमोनिया, सर्दी-जुकाम और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, इस तरह की असुविधा योजना के मुख्य उद्देश्य – जरूरतमंदों तक आसानी से आर्थिक मदद पहुंचाना – को बाधित करती है। लोगों को यह समझना होगा कि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता है और बैंक प्रशासन के साथ समन्वय बनाना जरूरी है।