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ऑनलाइन शॉपिंग में कैसे गुमराह हो रहे हैं ग्राहक और कैसे बचें इनसे?

क्या आपको भी ऑनलाइन शॉपिंग में फ्री ऑफर्स और डिस्काउंट्स के नाम पर गुमराह किया जा रहा है? ये डार्क पैटर्न्स आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं! जानिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं और कैसे इन ट्रिक्स से बचकर स्मार्ट शॉपिंग कर सकते हैं।

By PMS News
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ऑनलाइन शॉपिंग में कैसे गुमराह हो रहे हैं ग्राहक और कैसे बचें इनसे?

आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन शॉपिंग हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। त्योहारी सीज़न में जब डिस्काउंट और ऑफर्स की बौछार होती है, तो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स कुछ विशेष तरीके अपनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन आकर्षक ऑफर्स के पीछे छिपे हुए कुछ ‘डार्क पैटर्न्स’ होते हैं? ये पैटर्न उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे ग्राहक अनजाने में प्लेटफ़ॉर्म के फायदे के लिए निर्णय लेते हैं। आइए जानें कि ये डार्क पैटर्न्स क्या हैं, कैसे काम करते हैं, और आप इनसे कैसे बच सकते हैं।

क्या होते हैं डार्क पैटर्न्स?

डार्क पैटर्न्स का मतलब ऐसी डिज़ाइन तकनीकों से है जिनका उद्देश्य उपभोक्ता को भ्रमित करना होता है। इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि उपभोक्ता अनजाने में ऐसी गतिविधियाँ करता है जो उसके पक्ष में न होकर, कंपनी के फायदे में होती हैं। उदाहरण के लिए, किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ‘फ्री’ दिखाए गए उत्पाद में अंतिम समय पर हिडन चार्ज जोड़ दिया जाता है।

डार्क पैटर्न्स केवल ई-कॉमर्स तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अन्य डिजिटल सेवाओं जैसे ऐप्स, सोशल मीडिया और वेबसाइट्स में भी इनका प्रयोग होता है।

डार्क पैटर्न्स के प्रकार

1. फॉल्स अर्जेंसी (False Urgency)

यह एक सामान्य डार्क पैटर्न है जिसमें उपभोक्ताओं को यह दिखाया जाता है कि उत्पाद जल्दी खत्म हो रहा है। जैसे कि किसी उत्पाद पर ‘सिर्फ 2 ही बचे हैं’ लिखा हो, लेकिन वास्तविकता में यह एक चाल होती है ताकि ग्राहक जल्दबाजी में खरीदारी करें।

2. बास्केट स्नीकिंग (Basket Sneaking)

यह पैटर्न ग्राहक की सहमति के बिना उनके शॉपिंग कार्ट में अतिरिक्त उत्पाद जोड़ देता है। इससे ग्राहक अनजाने में कुछ और खरीद लेता है जो उसकी प्राथमिकता में नहीं होता।

3. कन्फर्म शेमिंग (Confirm Shaming)

कई बार, वेबसाइट्स इस तकनीक का इस्तेमाल करती हैं ताकि ग्राहक को निर्णय बदलने पर शर्म महसूस हो। जैसे किसी पॉप-अप में ‘क्या आप वाकई इस ऑफर को छोड़ना चाहते हैं?’ यह ग्राहकों को निर्णय बदलने के लिए मानसिक रूप से प्रभावित कर सकता है।

4. फोर्स्ड एक्शन (Forced Action)

यह तकनीक उपभोक्ताओं को किसी सेवा या उत्पाद के उपयोग के लिए अनावश्यक कदम उठाने के लिए बाध्य करती है। जैसे, किसी सेवा के लिए अनिवार्य सब्सक्रिप्शन।

5. ड्रिप प्राइसिंग (Drip Pricing)

ड्रिप प्राइसिंग में ग्राहकों को शुरुआत में एक कम कीमत दिखाई जाती है, लेकिन अंतिम समय पर अतिरिक्त शुल्क जोड़ दिए जाते हैं। इससे ग्राहक को लगता है कि वह सौदा कर रहा है, लेकिन असलियत में वह अतिरिक्त भुगतान करता है।

सरकार की पहल, डार्क पैटर्न्स पर रोक

भारत सरकार ने इन भ्रामक तकनीकों को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने डार्क पैटर्न्स के खिलाफ दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश ई-कॉमर्स कंपनियों को गुमराह करने वाली इन तकनीकों का उपयोग बंद करने के लिए बाध्य करते हैं। इसके अलावा, ग्राहक अब कंज्यूमर हेल्पलाइन (1915 या 1800114000) या Consumerhelpline.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

डार्क पैटर्न्स के खिलाफ कैसे रहें सतर्क?

डार्क पैटर्न्स से बचने के लिए उपभोक्ताओं को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं:

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1. ऑफ़र की सत्यता की जांच करें

किसी भी ऑफ़र की वास्तविकता की जांच करें। यदि कोई डिस्काउंट बहुत आकर्षक लगता है, तो इसके बारे में विस्तार से पढ़ें और देखें कि कहीं अतिरिक्त शुल्क तो नहीं जुड़ रहा है।

2. शर्तें और नियम पढ़ें

कोई भी उत्पाद या सेवा खरीदते समय उसकी शर्तें और नियमों को ध्यान से पढ़ें। विशेष रूप से सब्सक्रिप्शन आधारित सेवाओं में छिपे हुए शुल्क का ध्यान रखें।

3. शिकायत दर्ज करें

यदि आपको लगता है कि आप डार्क पैटर्न का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करें। इससे न केवल आपको मदद मिलेगी, बल्कि अन्य उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।

1. डार्क पैटर्न्स का उपयोग कौन करता है?
डार्क पैटर्न्स का उपयोग ज्यादातर ई-कॉमर्स, ऐप्स और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म द्वारा किया जाता है ताकि ग्राहक उनके प्लेटफ़ॉर्म पर अधिक समय बिताएं और अधिक खरीदारी करें।

2. क्या सभी ऑफ़र्स डार्क पैटर्न्स होते हैं?
नहीं, सभी ऑफ़र्स डार्क पैटर्न्स नहीं होते हैं। लेकिन कुछ आकर्षक ऑफ़र्स के साथ डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल होता है ताकि ग्राहकों को अनजाने में अधिक खर्च करवाया जा सके।

3. क्या डार्क पैटर्न्स के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हो सकती है?
हाँ, उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इनके उल्लंघन पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

4. मुझे कैसे पता चलेगा कि मैंने डार्क पैटर्न का शिकार हो गया हूँ?
यदि आपको लगता है कि आपको बिना कारण के कोई उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया गया है, या कोई छिपा हुआ शुल्क आपसे लिया गया है, तो यह डार्क पैटर्न का संकेत हो सकता है।

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