
प्रदेश में फूड कारोबार (Food Business) से जुड़े सभी व्यवसायियों के लिए अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food Safety and Drug Administration) ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। विभाग ने अप्रैल से जारी पंजीकरण अभियान (Registration Campaign) की अंतिम तारीख 31 मई तक बढ़ा दी है। इस अवधि के बाद बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के कारोबार करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह भी देखें: युद्ध में इंटरनेट बंद तो क्या होगा? ये स्मार्ट डिवाइस बनेंगे आपकी आंख-कान – बिना इंटरनेट के भी हर खबर पहुंचाएंगे!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह अभियान पूरे प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहा है। इसका उद्देश्य है कि आमजन को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन (Safe, Clean and Quality Food) उपलब्ध कराया जा सके।
फूड कारोबारियों के लिए पंजीकरण अब अनिवार्य
खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Safety Act) के तहत अब हर छोटे-बड़े फूड कारोबारी को लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके दायरे में ढाबे, ठेले, रेहड़ी, फूड ट्रक, छोटे होटल, रेस्टोरेंट, केटरिंग यूनिट्स से लेकर बड़ी फूड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (Food Manufacturing Units) तक शामिल हैं।
यह पहल खासतौर पर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और खाद्य मानकों को सुरक्षित रखने के लिए की जा रही है, ताकि फूड पॉइजनिंग, मिलावट या अन्य स्वास्थ्य संकटों को रोका जा सके।
यह भी देखें: करण जौहर ने धर्मा को क्यों बेचा? 50% हिस्सेदारी के पीछे छिपी हैरान कर देने वाली वजह आई सामने!
ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा
विभाग की टीमें प्रदेश के हर जिले में स्पेशल कैंप (Special Camps) लगाकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बना रही हैं। इन कैंपों में फूड कारोबारियों को मौके पर ही ऑन-द-स्पॉट लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन (On-the-Spot License and Registration) उपलब्ध कराया जा रहा है।
हालांकि अभी भी कई छोटे व मंझोले व्यापारी इस अभियान से नहीं जुड़े हैं, जिन्हें लगातार विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है। ऐसे व्यापारियों को 31 मई तक का समय दिया गया है, जिसके बाद बिना लाइसेंस व्यापार करना अवैध माना जाएगा।
अब तक हजारों व्यवसायियों ने कराया पंजीकरण
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से शुरू हुए अभियान के तहत अब तक हजारों फूड कारोबारियों ने अपना पंजीकरण सफलतापूर्वक करा लिया है। इसमें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भी अच्छे प्रतिसाद मिल रहे हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और हेल्प डेस्क के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। विभाग द्वारा अधिकतर जिलों में मोबाइल वैन, काउंटर और हेल्प सेंटर स्थापित किए गए हैं।
यह भी देखें: सरकार को कोर्ट ने दिया सबसे बड़ा झटका – इस आम आदमी को मिलेंगे 1.76 करोड़! क्या है इस केस की कहानी?
नियम तोड़ने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 मई के बाद यदि कोई भी फूड व्यवसाय बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के चलता पाया गया, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही (Legal Action) की जाएगी। इसमें जुर्माना, कारोबार बंद करना या आपराधिक प्रकरण दर्ज करना शामिल हो सकता है।
इस निर्णय का असर उन कारोबारियों पर भी पड़ेगा जो वर्षों से अनधिकृत रूप से फूड बिजनेस कर रहे थे। विभाग का कहना है कि इस मुहिम से आम उपभोक्ताओं को फूड क्वालिटी और हाइजीन (Food Quality and Hygiene) को लेकर बेहतर भरोसा मिलेगा।
जागरूकता और सहयोग से सफल हो रहा अभियान
विभागीय अधिकारी, व्यापार मंडल, नगर निकाय और पंचायतें मिलकर इस अभियान को जमीनी स्तर पर सफल बना रहे हैं। फूड कारोबारियों को समझाया जा रहा है कि यह प्रक्रिया सिर्फ सरकारी नियम नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा (Public Health Protection) के लिए अत्यंत आवश्यक है।
यह भी देखें: ऐन वक्त पर रद्द हुआ राधा स्वामी सत्संग! संगत के लिए आई इमरजेंसी अपील क्या हो रहा है अंदर?
फूड डीलर्स, वितरक, निर्माण इकाइयां और स्ट्रीट फूड विक्रेता भी अब इस अभियान में शामिल हो रहे हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले कारोबारियों की एक पब्लिक डायरेक्टरी भी प्रकाशित की जाएगी, जिससे उपभोक्ता खुद जांच कर सकें कि वे लाइसेंस प्राप्त फूड आउटलेट से खाना ले रहे हैं या नहीं।
भविष्य में और भी सख्ती संभव
सरकार का अगला कदम खाद्य कारोबारियों के स्वच्छता रेटिंग (Cleanliness Rating) शुरू करने का हो सकता है। इसके लिए एक डिजिटल पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ता किसी भी दुकान या होटल की रेटिंग देख सकें। यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) और डिजिटल गवर्नेंस (Digital Governance) की दिशा में भी सहायक होगा।
विभाग द्वारा जारी की जा रही सूचना के अनुसार, सभी फूड कारोबारियों को या तो FSSAI पंजीकरण लेना होगा या फिर निर्धारित टर्नओवर के आधार पर फूड लाइसेंस (Food License) लेना अनिवार्य है।