नए साल का जश्न दुनिया भर में बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा है। हर देश का नया साल अलग-अलग समय पर शुरू होता है क्योंकि प्रत्येक देश का टाइम जोन अलग है। सबसे पहले नए साल का स्वागत किरीटीमाटी द्वीप (Christmas Island) पर हुआ, जो किरिबाती रिपब्लिक का हिस्सा है। भारतीय समयानुसार यह घटना दोपहर 3:30 बजे हुई, जब वहां रात के 12 बजे थे। यह द्वीप भारत से 7.30 घंटे आगे है।
न्यूजीलैंड ने भी नए साल 2025 का स्वागत बड़े ही धूमधाम से किया। दुनिया के कुल 41 देश भारत से पहले नए साल का जश्न मनाते हैं। यह समय पुरानी यादों को पीछे छोड़ने और एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
दुनिया भर में नए साल का स्वागत कैसे होता है?
दुनिया भर में नया साल जश्न, उम्मीद और उल्लास का समय होता है। विभिन्न टाइम जोन की वजह से, हर देश में यह अलग-अलग समय पर शुरू होता है। प्रशांत महासागर में स्थित किरीटीमाटी द्वीप, जिसे क्रिसमस द्वीप के नाम से भी जाना जाता है, सबसे पहले इस खुशी के मौके का अनुभव करता है।
किरीटीमाटी में नए साल का आगाज भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 बजे होता है। यह द्वीप किरिबाती रिपब्लिक का हिस्सा है और यहां के लोग हर साल इस पल को बेहद खास अंदाज में मनाते हैं।
नए साल के स्वागत के पीछे की भावना
नए साल का स्वागत करना केवल जश्न मनाना नहीं है, बल्कि यह बीते समय को विदा देने और आने वाले समय को खुले दिल से अपनाने का समय भी है। लोग इस दिन अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक नई शुरुआत करने की कोशिश करते हैं।
यह दिन परिवार, दोस्तों और समुदाय के साथ मिलकर बिताने का मौका होता है। आतिशबाजी, संगीत, और खाने-पीने के आयोजनों से भरा यह समय हर व्यक्ति के लिए खास होता है।