2025 से लागू होने वाले New House Rent Rule ने मकान मालिकों और किराएदारों के संबंधों में बड़े बदलाव कर दिए हैं। अगर आप दिल्ली-एनसीआर या किसी बड़े शहर में मकान किराए पर देने की सोच रहे हैं, तो आपको नए नियमों को ध्यान में रखना होगा। सरकार ने टैक्स चोरी रोकने और मकान किराएदारी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह नियम लागू किया है, जिससे मकान मालिकों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
मकान मालिक और किराएदारी संबंधी कानूनों में बदलाव
केंद्र सरकार ने मकान मालिक और किराएदारी संबंधी कानून को सुधारते हुए, किराया आय पर टैक्स देने का नियम लागू किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2025 से, मकान मालिकों को किराए से होने वाली आय को “इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी” के रूप में घोषित करना अनिवार्य होगा। इससे मकान मालिक अब किराया आय पर टैक्स चोरी नहीं कर सकेंगे।
सरकार ने यह भी कहा है कि किराए से होने वाली कमाई पर 30% की स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगी, जिससे कुछ राहत जरूर मिलेगी। लेकिन इसका प्रभाव यह होगा कि किराए पर संपत्ति देने से पहले मकान मालिकों को कर देनदारी का पूरा ध्यान रखना होगा।
क्या कहता है नया नियम?
नए नियम के अनुसार:
- मकान किराए पर देने की आय को आयकर विवरणी में दर्ज करना अनिवार्य है।
- अगर कोई मकान मालिक बिना जानकारी दिए किराए पर घर देता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- चोरी छुपाकर किराया लेने वाले मकान मालिकों को जेल और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
मकान किराए पर देने से पहले सावधानियां
नए नियमों के चलते, अब मकान मालिकों को:
- टैक्स फाइलिंग में अपनी रेंटल इनकम का सही-सही विवरण देना होगा।
- घर किराए पर देने से पहले कानूनी सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- किसी भी किरायेदार को संपत्ति किराए पर देने से पहले वैध अनुबंध करना अनिवार्य होगा।