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राजस्थान में नौतपा का असर तेज! कई जिलों में गर्मी चरम पर, आंधी-बारिश का अलर्ट जारी

राजस्थान में नौतपा ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है! पारा 46 डिग्री को पार कर गया है और मौसम विभाग ने आंधी और बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। गर्मी से बेहाल लोग राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। क्या मानसून जल्द दस्तक देगा या नौतपा की तपिश और बढ़ेगी? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें आगे

By PMS News
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राजस्थान में नौतपा का असर तेज! कई जिलों में गर्मी चरम पर, आंधी-बारिश का अलर्ट जारी
राजस्थान में नौतपा का असर तेज! कई जिलों में गर्मी चरम पर, आंधी-बारिश का अलर्ट जारी

राजस्थान में नौतपा (Nautapa) का असर दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है, प्रदेश में गर्मी का प्रकोप चरम पर पहुंच चुका है, तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है और लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, मौसम विभाग ने कई जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट भी जारी किया है जिससे हालात और अधिक जटिल हो सकते हैं।

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नौतपा का असर: प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर

राजस्थान में नौतपा के चलते तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल रही है, नौतपा यानी नौ दिनों का वह दौर जब सूर्य की तपिश अपने चरम पर होती है और जमीन से जल का वाष्पीकरण अधिकतम होता है। इस वर्ष नौतपा की शुरुआत के साथ ही तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जयपुर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर समेत कई जिलों में पारा लगातार चढ़ रहा है और गर्मी की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है।

मौसम विभाग ने जारी किया आंधी और बारिश का अलर्ट

भीषण गर्मी के बीच राजस्थान के कई हिस्सों में मौसम विभाग ने आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है, विभाग का अनुमान है कि 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है, इससे तापमान में थोड़ी गिरावट की संभावना है लेकिन इसके बावजूद गर्मी की स्थिति से तुरंत राहत मिलने की उम्मीद नहीं की जा रही है।

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क्या है नौतपा और इसका वैज्ञानिक आधार?

नौतपा (Nautapa) का मतलब होता है नौ दिन की अत्यधिक गर्मी। यह ज्येष्ठ मास में तब शुरू होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, इस समय सूर्य की किरणें पृथ्वी के उस हिस्से पर लंबवत पड़ती हैं, जिससे तापमान तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा, इस समय बादलों की ऊंचाई कम होती है और हवाएं शुष्क होती हैं, जिससे वातावरण में नमी कम रहती है और तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है।

भीषण गर्मी और लोगों की मुश्किलें

राजस्थान के ग्रामीण और शहरी इलाकों में गर्मी की वजह से लोग बेहाल हैं। तापमान 45-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों की घोषणा की जा चुकी है और चिकित्सकों ने धूप में बाहर न निकलने की सलाह दी है। बिजली और पानी की मांग भी बढ़ गई है जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ा है।

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आईपीओ-IPO और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy पर संभावनाएँ

राजस्थान में भीषण गर्मी और मौसम की इन चरम परिस्थितियों के बीच रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट्स और आईपीओ (IPO) लाने की तैयारी चल रही है। राज्य में तापमान और धूप की तीव्रता को देखते हुए यह क्षेत्र आने वाले समय में और अधिक विकसित हो सकता है।

राहत की उम्मीद: मानसून की प्रतीक्षा

राजस्थान में नौतपा के बाद लोगों की नजर मानसून पर टिकी हुई है। हालांकि इस समय मौसम विभाग ने हल्की बारिश का अलर्ट दिया है लेकिन असली राहत मानसून के आने के बाद ही मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की सामान्य तिथि के अनुसार जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई की शुरुआत में अच्छी बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को राहत मिलेगी।

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लोगों के लिए सुझाव

चिकित्सकों और विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस भीषण गर्मी में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और हल्के कपड़े पहनने चाहिए। धूप में बाहर जाने से बचना चाहिए और जरूरी काम होने पर सिर ढककर और सनस्क्रीन का उपयोग करके ही बाहर निकलना चाहिए। इसके अलावा घरों और दफ्तरों में पर्याप्त वेंटिलेशन और कूलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

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