प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के 65 लाख संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस कार्यक्रम में 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार गांवों के लोग शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने इसे ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया।
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) का उद्देश्य ग्रामीण भारत में संपत्तियों के अधिकारों को सुरक्षित करना और उन्हें आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल करना है। इस योजना की शुरुआत आधुनिक ड्रोन तकनीक के माध्यम से गांवों के क्षेत्रों का सर्वेक्षण करके की गई। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिक परिवारों को संपत्ति का अधिकार पत्र प्रदान करती है, जिससे भूमि विवादों को समाप्त करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद मिलती है।
सरकार के इस प्रयास ने ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित किया है। यह योजना गांवों में संपत्तियों के स्वामित्व से जुड़े रिकॉर्ड को सटीकता के साथ तैयार करती है।
योजना के तहत अब तक की उपलब्धियां
स्वामित्व योजना के तहत अब तक 3 लाख 17 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्षित गांवों के 92 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है। 1 लाख 53 हजार गांवों में लगभग 2 करोड़ 25 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। इन संपत्ति कार्डों का उपयोग ग्रामीण निवासी अपनी संपत्तियों को मुद्रीकरण के लिए कर सकते हैं, जैसे कि बैंक ऋण लेने में।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों में भारी कमी आई है और संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड तैयार होने के बाद गांवों में शासन और प्रशासन में भी सुधार हुआ है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा लाभ
स्वामित्व योजना के तहत वितरित किए गए संपत्ति कार्ड न केवल गांवों में संपत्ति स्वामित्व की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि इससे ग्रामीणों को आर्थिक रूप से भी लाभ होता है। यह कार्ड ग्रामीण संपत्ति को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने और ऋण प्राप्त करने के लिए उपयोगी साबित हुआ है।
योजना के अन्य लाभों में ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति कर का बेहतर मूल्यांकन और संपत्तियों का मुद्रीकरण शामिल है। इससे ग्रामीण भारत में आर्थिक गतिविधियां और तीव्र हो रही हैं।
ग्रामीण शासन में सुधार
स्वामित्व योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में शासन प्रणाली को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाया है। संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित विवादों में कमी आने से ग्रामीण क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनी है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ड्रोन तकनीक से बदल रहा है ग्रामीण भारत
इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है ड्रोन तकनीक का उपयोग। ड्रोन के माध्यम से किए गए सटीक सर्वेक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों का मानचित्रण और संपत्ति रिकॉर्ड तैयार करना संभव हुआ है। यह तकनीक न केवल सटीकता सुनिश्चित करती है, बल्कि समय और श्रम की भी बचत करती है।
भविष्य की योजना और लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि स्वामित्व योजना के तहत देश के सभी गांवों को कवर किया जाए और प्रत्येक संपत्ति मालिक को अधिकार पत्र प्रदान किया जाए। यह योजना ग्रामीण भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्वामित्व योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
- अब तक 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
- ड्रोन सर्वेक्षण से 3 लाख 17 हजार गांव कवर किए गए।
- 2 करोड़ 25 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
- योजना से भूमि विवादों में कमी आई है।
- संपत्तियों का बेहतर मूल्यांकन और मुद्रीकरण संभव हुआ है।