मध्यप्रदेश सरकार ने 2025 की शुरुआत में शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की घोषणा की है। राज्य के अतिथि शिक्षकों के लंबे समय से चली आ रही मांगों को स्वीकार करते हुए, सरकार ने नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उनके लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया है। यह प्रावधान मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा, सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 में संशोधन के बाद लागू किया गया है।
इस कदम से न केवल शिक्षकों को उनके अनुभव का सम्मान मिलेगा, बल्कि उनके रोजगार को स्थिरता और सुरक्षा भी प्रदान होगी।
कौन होंगे इस आरक्षण के लाभार्थी?
यह आरक्षण मुख्य रूप से उन अतिथि शिक्षकों को ध्यान में रखकर लागू किया गया है, जिन्होंने सरकारी स्कूलों में कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दी हैं। नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब कुल रिक्त पदों का आधा हिस्सा अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित होगा। इससे वे शिक्षक, जो स्थायी रोजगार पाने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे थे, अपनी मेहनत और अनुभव का उचित लाभ उठा सकेंगे।
आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें
हालांकि, इस आरक्षण का लाभ उठाने के लिए शिक्षकों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि आरक्षण उन्हीं शिक्षकों को मिले जिन्होंने अपने अनुभव और सेवा के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में योगदान दिया है।
- कार्य अनुभव की शर्तें:
- पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों में से प्रत्येक में न्यूनतम 30 दिनों का कार्य अनुभव होना आवश्यक है।
- कुल मिलाकर 200 दिनों का अनुभव होना अनिवार्य है।
- रिक्त पदों की व्यवस्था:
- यदि अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पद खाली रह जाते हैं, तो इन्हें अन्य योग्य उम्मीदवारों के माध्यम से भरा जाएगा।
संविदा शिक्षकों और अन्य वर्गों के लिए विशेष प्रावधान
अतिथि शिक्षकों के साथ-साथ सरकार ने संविदा शिक्षकों और अन्य विशेष वर्गों के लिए भी आरक्षण की घोषणा की है।
- संविदा शिक्षक: कुल 50% पद संविदा शिक्षकों के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
- एक्स सर्विसमैन: 10% पद पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित रहेंगे।
- दिव्यांग उम्मीदवार: 6% पद दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
संविदा शिक्षकों के लिए अलग से नियम बनाए जाएंगे, जिनकी अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समान अवसर प्रदान करने वाली हो।
अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षण का महत्व
लंबे समय से अतिथि शिक्षक अपनी सेवाओं के स्थायीकरण और नौकरी की सुरक्षा की मांग कर रहे थे। नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उनके लिए आरक्षण की घोषणा ने उनकी मांगों को आधिकारिक मान्यता दी है। यह प्रावधान न केवल उनके कार्य अनुभव को महत्व देता है, बल्कि उन्हें एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने में मदद करता है।
यह कदम उनके आत्मविश्वास और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा क्षेत्र में योग्य और अनुभवी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाए।
नए नियम कब से लागू होंगे?
यह प्रावधान 2025 की शिक्षक भर्ती परीक्षा से लागू होगा। भर्ती प्रक्रिया में सभी आवश्यक बदलाव और नए प्रावधानों को शामिल किया जाएगा।
अन्य श्रेणियों को भी मिला आरक्षण का लाभ
यह केवल अतिथि शिक्षकों तक सीमित नहीं है। सरकार ने अन्य वर्गों को भी आरक्षण प्रदान किया है। संविदा शिक्षकों, पूर्व सैनिकों और दिव्यांग उम्मीदवारों को भी इसका लाभ मिलेगा।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में सुधार और स्थिरता लाने के उद्देश्य से लिया गया है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि राज्य के स्कूलों में योग्य शिक्षकों की भर्ती हो और शिक्षा का स्तर ऊंचा उठे।
अतिथि शिक्षकों के अनुभव को मान्यता
यह पहल उन शिक्षकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिन्होंने कई वर्षों तक शिक्षा क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उनके अनुभव को मान्यता देते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके लंबे समय के प्रयासों को नजरअंदाज न किया जाए।