
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा (Gonda) जिले में 163 अवैध रूप से संचालित हो रहे स्कूलों और मदरसों (Madrasas) को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासन ने इन संस्थानों को बंद कराने के लिए 15 दिन की समयसीमा निर्धारित की है। इस फैसले से कई स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा (Neha Sharma) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन गैरकानूनी स्कूलों को बंद करने में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था सुधारने की पहल
गोंडा जिले में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) की संयुक्त टीम ने जिलेभर में अवैध रूप से चल रहे स्कूलों और मदरसों की पहचान की है। इस कार्रवाई का उद्देश्य गैरकानूनी शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसना और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
15 दिन की समयसीमा
इस अभियान के तहत तहसीलों के तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer, BEO) और संबंधित थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 15 दिन के भीतर इन अवैध स्कूलों पर ठोस कार्रवाई करें। बेसिक शिक्षा विभाग ने पहले भी इस दिशा में कदम उठाए थे, जिसमें कई स्कूल संचालकों से शपथ पत्र लेकर स्कूल बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, कई संचालक प्रशासन के आदेशों की अनदेखी करते हुए चोरी-छिपे स्कूल चलाते रहे।
अवैध स्कूलों की भरमार
गोंडा जिले के बभनजोत और नवाबगंज (Babhanjot and Nawabganj) ब्लॉकों में सबसे अधिक अवैध स्कूल पाए गए हैं। इन स्कूलों में बुनियादी मानकों की भारी कमी पाई गई है, जैसे – भवन की सुरक्षा, शिक्षक की योग्यता, बुनियादी सुविधाएं और वैध मान्यता। शिक्षा विभाग द्वारा संकलित सूची में 21 अवैध मदरसों के नाम भी शामिल हैं, जो बिना किसी मान्यता के शिक्षा दे रहे थे। यह स्थिति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए भी खतरा बन गई है।
सरकारी स्कूलों पर असर
इस अव्यवस्था का सीधा असर सरकारी परिषदीय विद्यालयों पर भी पड़ा है। पिछले तीन वर्षों में इन स्कूलों में लगभग 50,000 से अधिक छात्रों का नामांकन कम हुआ है। यह आंकड़ा शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि अवैध स्कूलों की बढ़ती संख्या से सरकारी स्कूलों का महत्व कम हो रहा है।
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प्रशासन की सख्त कार्रवाई
बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) अतुल कुमार तिवारी (Atul Kumar Tiwari) ने कहा है कि अवैध स्कूलों को हर हाल में बंद कराया जाएगा। उनका मानना है कि इससे सरकारी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ेगा और बच्चों को एक सुरक्षित, नियंत्रित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल मिलेगा। यह कार्रवाई शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।