
भारत में मानसून सर्कुलेशन (Monsoon Circulation) को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने एक अहम पूर्वानुमान जारी किया है। संकेत मिल रहे हैं कि इस बार मानसून अपने तय समय से पहले देश में प्रवेश कर सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और प्रमुख ग्लोबल NWP मॉडलिंग एजेंसियों के अनुसार, दक्षिण एशिया में मानसून की गतिविधियां अपेक्षा से अधिक तेजी से बढ़ रही हैं।
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अंडमान में मध्य मई तक बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसून की बारिश 13 मई तक शुरू हो सकती है। यह भारत में मानसून की पहली दस्तक मानी जाती है। आमतौर पर यह प्रक्रिया मई के अंतिम सप्ताह तक शुरू होती है, लेकिन इस साल समुद्री और वायुमंडलीय परिस्थितियां समय से पहले बदलाव के संकेत दे रही हैं।
भूमध्यीय तरंगों से बढ़ रही मानसून की गति
विशेषज्ञों का कहना है कि भूमध्यरेखीय रॉस्बी तरंगें (Equatorial Rossby Waves) और अन्य इक्वेटोरियल वेव्स, जो भारतीय मानसून से जुड़ी होती हैं, इस समय सक्रिय हो चुकी हैं। इनका असर मानसून की गति को तेज कर सकता है, जिससे दक्षिण भारत में जल्द बारिश की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं।
केरल में मई के अंतिम सप्ताह में दस्तक संभव
अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो केरल में मानसून मई के अंतिम सप्ताह में पहुंच सकता है। सामान्यतः मानसून केरल में 1 जून के आसपास पहुंचता है। लेकिन इस बार संभावनाएं हैं कि बारिश की शुरुआत कुछ दिन पहले ही हो जाए।
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वैश्विक मौसम मॉडल्स दे रहे हैं पॉजिटिव संकेत
मौसम विज्ञान से जुड़े प्रमुख वैश्विक संस्थानों—जैसे ECMWF, UKMO और NCEP—के मॉडलिंग डेटा से पता चलता है कि एशियाई मानसून सर्कुलेशन (Asian Monsoon Circulation) में समय से पहले सक्रियता हो रही है। हिंद महासागर के ऊष्णकटिबंधीय हिस्सों में हवा के सर्कुलेशन में बदलाव के संकेत साफ नजर आ रहे हैं।
जल्दी मानसून से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
यदि मानसून समय से पहले आता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा भारत के कृषि क्षेत्र को होगा। जल्दी बारिश शुरू होने से किसान समय पर बुवाई कर सकेंगे। इससे फसल उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी आ सकती है। इसके अलावा जलाशयों और भूजल स्रोतों को भी भरने का पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे जल प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
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रियल टाइम मॉनिटरिंग से मिलेगी और स्पष्टता
मौसम विभाग और अन्य एजेंसियां लगातार रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रही हैं। अगले कुछ दिनों में मानसून की दिशा और तीव्रता को लेकर और अधिक स्पष्टता मिलेगी। इन आंकड़ों से न केवल किसानों को बल्कि नीति निर्धारकों को भी जल और कृषि प्रबंधन की योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
मानसून का जल्द आगमन: क्या बदल जाएगा मौसम का मिजाज?
जल्दी मानसून केवल एक मौसमीय घटना नहीं है, यह अर्थव्यवस्था और जनजीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है। खासकर ग्रामीण भारत में इसका असर सीधे तौर पर खाद्यान्न उत्पादन, बिजली उत्पादन (हाइड्रो पावर), और ग्रामीण रोजगार पर होता है। इस बार की शुरुआत अगर जल्द होती है, तो यह ऊर्जा संकट और जल संकट जैसी समस्याओं को कुछ हद तक टाल सकती है।