उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक छोटी सी मोमोज की दुकान पर SGST (State Goods and Services Tax) अधिकारियों की छापेमारी ने पूरे शहर में हलचल मचा दी। यह मामूली सी दिखने वाली दुकान सिविल लाइंस इलाके में स्थित है, लेकिन अपने स्वादिष्ट मोमोज के कारण यह शहरवासियों की पहली पसंद बन चुकी थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महज दस महीनों में इस दुकान ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार किया, बावजूद इसके दुकान का कोई कानूनी पंजीकरण नहीं था।
SGST अधिकारियों ने इस दुकान को टैक्स चोरी करते हुए पकड़ा और छापेमारी के बाद इस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई राज्य के टैक्स कानूनों को सख्ती से लागू करने की दिशा में SGST विभाग की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है।
मोमोज का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक
सिविल लाइंस इलाके में स्थित यह मोमोज दुकान स्थानीय निवासियों के बीच बेहद मशहूर थी। दुकान का मालिक अपने स्वादिष्ट मोमोज और ग्राहकों के लिए आकर्षक कीमतों के चलते बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा।
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि इस दुकान ने बिना GST पंजीकरण के अपना व्यवसाय संचालित किया और डेढ़ करोड़ रुपये का भारी भरकम कारोबार किया। स्थानीय नियमों के तहत, किसी भी व्यवसाय का GST पंजीकरण अनिवार्य है, अगर उसका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक है।
डेढ़ करोड़ का कारोबार, पर कोई GST रजिस्ट्रेशन नहीं
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब SGST विभाग के जोनल कमिश्नर मुक्तिनाथ वर्मा के निर्देश पर एक विशेष टीम ने कार्रवाई की। टीम में अपर आयुक्त राजेश सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर शक्ति सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव, वाणिज्य कर अधिकारी अरविंद और राजेश कुमार शामिल थे।
18 नवंबर को टीम ने सिविल लाइंस स्थित इस मोमोज दुकान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने पाया कि दुकान का GST में पंजीकरण नहीं था और यह बिना किसी टैक्स भुगतान के बड़े पैमाने पर कारोबार कर रही थी।
टैक्स चोरी पर जुर्माना और आगे की कार्रवाई
SGST विभाग ने प्रारंभिक जांच के आधार पर दुकान पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि जांच के दौरान अगर और तथ्य सामने आते हैं, तो दुकान के मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि इस तरह की टैक्स चोरी से न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि यह उन व्यवसायों के लिए भी अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा करता है, जो ईमानदारी से टैक्स का भुगतान करते हैं।
SGST कानून और इसके उल्लंघन के परिणाम
GST पंजीकरण न केवल सरकार के लिए टैक्स संग्रह का माध्यम है, बल्कि यह व्यवसायों को कानूनी मान्यता भी प्रदान करता है। GST कानूनों के अनुसार:
- पंजीकरण अनिवार्य: हर व्यवसाय, जिसका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये (कुछ राज्यों में 10 लाख रुपये) से अधिक है, उसे GST में पंजीकरण कराना होता है।
- कर भुगतान: पंजीकृत व्यवसायों को समय पर टैक्स रिटर्न भरना और सरकार को GST का भुगतान करना होता है।
- उल्लंघन के परिणाम: बिना पंजीकरण के कारोबार करने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
प्रयागराज की इस मोमोज दुकान ने इन नियमों का पालन न करते हुए न केवल कानून का उल्लंघन किया, बल्कि सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी पहुंचाया।