Salary LImit for EPF ESIC: भारत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) योजनाओं के तहत शामिल होने की वेतन सीमा को बढ़ाने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव के तहत वर्तमान सैलरी सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये किया जा सकता है। ESIC के लिए यह सीमा 21,000 रुपये है, जिसे EPFO के बराबर लाने पर विचार हो रहा है। यह कदम संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा और उन्हें बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में चर्चा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT), हाल ही में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक की। बैठक में यह प्रस्ताव सामने आया कि सैलरी सीमा को दोगुना करके 30,000 रुपये किया जाए। श्रम मंत्रालय और CBT के अधिकांश सदस्य इस विचार का समर्थन कर रहे हैं। फरवरी 2024 में होने वाली अगली बैठक में इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
EPF और ESI योजनाओं का महत्व
EPF और ESIC योजनाएं कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा साधन हैं। इन योजनाओं के तहत, नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करते हैं।
EPF में योगदान की वर्तमान स्थिति
- कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 12-12% का योगदान करते हैं।
- 15,000 रुपये तक के वेतन पर, यह योगदान 1,800 रुपये प्रति माह है।
- इसका एक हिस्सा कर्मचारी के भविष्य निधि खाते (PF Account) और एक हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है।
संभावित बदलाव के बाद
यदि सीमा 30,000 रुपये तक बढ़ाई जाती है, तो यह योगदान 3,600 रुपये प्रति माह हो जाएगा। इससे कर्मचारियों के पीएफ खातों में अधिक राशि जमा होगी और उनकी रिटायरमेंट सेविंग्स मजबूत होंगी।
ESIC के अंतर्गत लाभ
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा कवरेज प्रदान करता है। वर्तमान में, ESIC की सैलरी सीमा 21,000 रुपये है। इसे EPFO के बराबर 30,000 रुपये करने पर विचार किया जा रहा है। इससे अधिक कर्मचारी ESIC के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
बदलाव से कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा?
इस प्रस्ताव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अधिक कर्मचारी EPF और ESI योजनाओं के दायरे में आएंगे।
- सैलरी सीमा बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ योगदान अनिवार्य रूप से बढ़ जाएगा, जिससे उनके रिटायरमेंट के लिए अधिक पूंजी इकट्ठा होगी।
- संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के अधिक साधन मिलेंगे, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार होगा।
- ESIC सीमा बढ़ने से कर्मचारी और उनके परिवार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
क्या यह नियोक्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण होगा?
इस प्रस्ताव के लागू होने से नियोक्ताओं पर भी वित्तीय बोझ बढ़ेगा, क्योंकि उन्हें कर्मचारियों के योगदान के बराबर राशि देनी होगी। हालांकि, यह कदम कर्मचारियों के लिए लाभकारी साबित होगा और उनकी वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
व्यापक प्रभाव
- वर्तमान में EPFO के 7 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं। सैलरी सीमा बढ़ने के बाद, यह संख्या बढ़कर नए स्तर पर पहुंच सकती है।
- कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता में सुधार देश के आर्थिक विकास को गति देगा।
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