
मैट्रिक सर्टिफिकेट में आधार नंबर अपडेट अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। डिजिटल इंडिया के दौर में सरकार और शिक्षा बोर्ड ने यह सुविधा ऑनलाइन कर दी है, जिससे छात्र अब बिना स्कूल या बोर्ड कार्यालय गए, घर बैठे ही अपने 10वीं के प्रमाण पत्र में आधार नंबर अपडेट कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न सिर्फ तेज है, बल्कि सुरक्षित भी है और अब कुछ ही स्टेप्स में पूरी की जा सकती है।
इस सुविधा का उद्देश्य छात्रों के दस्तावेज़ों को आधार-आधारित सेवाओं के साथ लिंक करना है, ताकि आगे चलकर उन्हें किसी सरकारी योजना, छात्रवृत्ति या परीक्षा फॉर्म भरते समय परेशानी न हो। अब तक कई बोर्ड जैसे CBSE, ICSE और विभिन्न राज्य बोर्ड इस ऑनलाइन प्रक्रिया को अपना चुके हैं।
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कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?
छात्र सबसे पहले अपने संबंधित बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, जैसे कि CBSE के लिए cbse.gov.in या बिहार बोर्ड के लिए biharboardonline.bihar.gov.in। वेबसाइट पर छात्र लॉगिन पोर्टल पर जाकर अपने रोल नंबर, जन्म तिथि, और पासिंग ईयर जैसे विवरण भरते हैं, जिससे वे अपनी प्रोफाइल में लॉगिन कर सकें।
लॉगिन के बाद उन्हें ‘आधार नंबर अपडेट करें’ का विकल्प मिलता है, जिस पर क्लिक कर वे 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करते हैं। यह ध्यान देना बेहद जरूरी है कि आधार कार्ड में दर्ज नाम और बोर्ड के रिकॉर्ड में नाम पूरी तरह मेल खाना चाहिए, अन्यथा अनुरोध अस्वीकार हो सकता है।
कुछ बोर्ड आधार कार्ड की स्कैन कॉपी भी अपलोड करने के लिए कहते हैं। इसके बाद छात्र ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक कर आवेदन की प्रक्रिया पूरी करते हैं। सबमिशन के तुरंत बाद एक पुष्टिकरण मैसेज या ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें अपडेट अनुरोध की स्थिति दी जाती है।
दस्तावेज़ों का सही मिलान और सत्यापन है जरूरी
कई मामलों में छात्रों के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक या जन्म तिथि में अंतर के कारण आवेदन रिजेक्ट हो जाता है। इसलिए आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके आधार कार्ड और मैट्रिक सर्टिफिकेट में जानकारी एक जैसी हो। अगर कोई गलती हो, तो पहले उसमें सुधार कराना जरूरी है।
साथ ही, छात्रों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे आवेदन की कॉपी और पुष्टिकरण रसीद को संभालकर रखें, ताकि भविष्य में कोई समस्या आने पर वे इसका उपयोग कर सकें।
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किन छात्रों को है यह अपडेट करवाना अनिवार्य
बोर्ड की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है कि वे छात्र जो किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, जैसे कि स्कॉलरशिप या प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं, उनके लिए आधार नंबर जोड़ना अनिवार्य है। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारें भी अब इस अपडेट को अनिवार्य कर रही हैं।
यह भी देखा गया है कि कई प्राइवेट कंपनियां, कॉलेज और विश्वविद्यालय अब प्रवेश के दौरान छात्रों से आधार लिंक सर्टिफिकेट की मांग कर रही हैं। इसलिए यह अपडेट केवल सरकारी कामों के लिए ही नहीं, निजी संस्थानों में भी आवश्यक होता जा रहा है।
सुरक्षा और डेटा गोपनीयता का रखा गया है विशेष ध्यान
ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत छात्रों के डाटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। वेबसाइट SSL प्रमाणित होती हैं और सभी विवरण एन्क्रिप्शन तकनीक से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही, आधार की जानकारी UIDAI से सत्यापित होती है, जिससे फर्जीवाड़ा की संभावना लगभग शून्य हो जाती है।
यदि छात्र किसी भी प्रकार की तकनीकी परेशानी का सामना करते हैं, तो वेबसाइट पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर या ईमेल आईडी के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कई बोर्ड अब चैटबॉट सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं जिससे छात्र अपनी समस्या तुरंत दर्ज करा सकते हैं।
अंत में क्यों जरूरी है यह अपडेट
आधार नंबर को मैट्रिक सर्टिफिकेट से जोड़ना न सिर्फ एक पहचान की पुष्टि करता है, बल्कि इससे छात्र के शैक्षिक और सरकारी रिकॉर्ड में पारदर्शिता आती है। आने वाले समय में सभी प्रकार के दस्तावेज़ों को आधार से जोड़ना एक मानक प्रक्रिया बन जाएगी। इसलिए अभी समय रहते यह प्रक्रिया पूरी करना बेहतर है।
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